वाशिंगटन : अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह श्रीलंका के गृहयुद्ध के अंतिम खूनी दौर में मानवाधिकार उल्लंघन के ‘भरोसेमंद’ सबूतों को लेकर वहां के सेनाप्रमुख को अपने यहां नहीं आने देगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शावेंद्र सिल्वा अमेरिका में आने के पात्र नहीं होंगे। उनके परिवार को भी अमेरिका में नहीं आने दिया जाएगा।
शावेंद्र सिल्वा को पिछले साल जब श्रीलंका का सेनाप्रमुख नियुक्त किया गया था तब उनकी नियुक्ति की पूरी दुनिया में आलोचना की गयी थी।
पोम्पिओ ने एक बयान में कहा, ‘‘ शावेंद्र सिल्वा के खिलाफ गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन आरोपों पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गयी है, वे गंभीर और भरोसेमंद हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम श्रीलंका सरकार से मानवाधिकार का संवर्धन करने की, युद्ध अपराधों एवं मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराने, सुरक्षा क्षेत्र के सुधार को आगे बढ़ाने, न्याय एवं सुलह के प्रति अपनी अन्य प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखने की अपील करते हैं।’’
सिल्वा 2009 में श्रीलंका में तमिल टाइगर के विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के आखिरी महीनों में वहां के उत्तरी युद्ध प्रभावित क्षेत्र में सैन्य संभाग के कमांडिंग अधिकारी थे।
मानवाधिकार संगठनों के हिसाब से जब सरकारी सैन्यबों ने श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तरी हिस्से पर कब्जा किया था तब करीब 40000 तमिल मारे गये थे।
अमेरिका ने युद्ध अपराध को लेकर श्रीलंका के सेना प्रमुख की यात्रा पर पाबंदी लगायी
