एक हत्या की कोशिश में और दूसरा राहजनी के मामले में जेल में काट रहा था सजा
कोलकाता, समाज्ञा : कोरोना महामारी को देखते हुए एहतियातन के तौर पर जेलों में भी कैदियों की संख्या कम करने के लिए कुछ सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। मगर देखा जा रहा है कि जिन सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर घर भेजा गया था उनकी समय सीमा खत्म होने पर भी जेल में वापस नहीं लौट रहे हैं। इससे जेल प्रबंधन की चिंता बढ़ रही है। ऐसे ही मामले में दो सजायाफ्ता कैदियों के खिलाफ हेस्टिंग्स थाने में अलग – अलग मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जेल प्रबंधन की तरफ से दो शिकायतें मिली है। दरसअल, प्रेसीडेंसी जेल (संशोधनागार ) के सुपरिटेंडेंट ऑफिसर मुश्ताक अहमद ने शिकायत दर्ज कराई है। पहली शिकायत के अनुसार कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से हत्या की कोशिश के मामले में सजायाफ्ता कैदी बैरेकपुर के रहने वाले विजय क्षेत्री (२४) को गत ४ अप्रैल को पैरोल पर छोड़ा गया था। उसे ३ सितंबर तक जेल में वापस लौटना था मगर उसने निर्देशों की अवहेलना करते हुए समय सीमा समाप्त होने पर भी नहीं लौटा। वहीं राहजनी के मामले में सजायाफ्ता कैदी सौमित्र सेन चौधरी (२४) को भी गत ४ अप्रैल को पैरोल पर छोड़ा गया था। वह प्रगति मैदान थाना इलाके का रहने वाला है। मगर वह भी समय सीमा पूरी होने पर जेल वापस नहीं लौटा। इन दोनों कैदियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने पर दोनों के खिलाफ थाने ने एफआईआर दर्ज कराई गई। फिलहाल, पुलिस दोनों मामले की जांच कर रही है। साथ ही कैदियों को भी पकड़ने के लिए अभियान चला रही है।