नई दिल्ली : केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नए ट्रैफिक चालान नियमों पर कहा कि यह लोगों की जिंदगी बचाने के लिए की गई कोशिश है। राज्य सरकारों द्वारा जुर्माने की रकम कम करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर यही कहना चाहता हूं कि जुर्माने से मिली रकम राज्य सरकारों की ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जुर्माना घटाने का फैसला कर सकती है और यह उनपर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र का मकसद सड़क परिवहन को सुरक्षित बनाना है। गडकरी ने साथ ही जोड़ा कि अगर लोग नियमों का पालन करेंगे तो उन्हें जुर्माना भरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा का भारी-भरकम जुर्माने का मकसद जनहानि कम करना था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, सड़क सफर को सुरक्षित करना उद्देश्य बता दें कि गुजरात सरकार ने जुर्माने को 90% तक कम करने का ऐलान किया है। कुछ अन्य सरकारें भी भविष्य में ऐसा ऐलान कर सकती हैं। गडकरी ने इस पर कहा, ‘भारत में हर साल सड़क दुर्घटना में 1 लाख 50 हजार से अधिक लोगों की मौत होती है। उसमें से 65% लोगों की आयु 18 से 35 साल के बीच होती है। हर साल 2 से 3 लाख लोग सड़क दुर्घटना के कारण दिव्यांग हो रहे हैं। हम युवाओं के जान की कीमत समझते हैं और उनके जीवन को सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’ ‘राज्य सरकारों को अधिकार है, मैं सिर्फ अपील कर सकता हूं’। केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकारों द्वारा जुर्माने की रकम माफ करने के फैसले पर कहा कि प्रदेश की सरकारों को इसका अधिकार है। उन्होंने कहा, कि ‘राज्य सरकार यह फैसला ले सकती हैं, उन्हें अधिकार है। मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। जो भी रेवेन्यू आएगा वह राज्य सरकारों के पास ही जाएगा। मैं बतौर मंत्री सिर्फ अपील ही कर सकता हूं कि यह फाइन रेवेन्यू के लिए नहीं है, लोगों की जिंदगी बचाने के लिए है।’गडकरी बोले, रेवेन्यू बढ़ाने के लिए फाइन नहीं बढ़ाया गया केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि फाइन का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोगों से कोई जुर्माना नहीं वसूलना चाहते हैं, सड़क सफर को सुरक्षित बनाना चाहते हैं। रोड हादसों के मामले में भारत का रेकॉर्ड विश्व में काफी खराब है। अगर लोग परिवहन नियमों का पालन करेंगे तो उन्हें कोई रकम देने की जरूरत नहीं है।
‘भय और आदर के लिए जरूरी था भारी-भरकम जुर्माना’
बता दें कि 1 सितंबर से लागू मोटर वीइकल्स (अमेंडमेंट) ऐक्ट 2019 के बाद से पूरे देशभर से ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों पर भारी-भरकर चालान की खबरें आ रही हैं। गडकरी ने कहा कि सख्त कानून की जरूरत थी क्योंकि लोग ट्रैफिक रूल को बेहद हल्के तौर पर लेते थे। उनके जेहन में कानून के प्रति न तो भय था और न आदर।
गुजरात सरकार ने घटाया जुर्माना
गुजरात सरकार की ओर से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के 24 मामलों में जुर्माने की दर 90 पर्सेंट तक कम कर दी गई है। इसके बाद अब ऐसे कई अन्य राज्य भी फाइन घटाने पर विचार कर रहे हैं, जहां अब तक नए मोटर वीइकल ऐक्ट को लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार भी ऐसे कुछ जुर्माने कम करने पर विचार कर रही है, जिन्हें मौके पर चुकाया जा सकता है। दिल्ली सरकार फिलहाल मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत अपने अधिकारों की स्टडी कर रही है और कितने मामलों में वह चालान को कम कर सकती है, इस पर विचार कर रही है।