हल्के बुखार होने पर भी नहीं मिल रही है चिकित्सा, पुलिसकर्मियों का हाल भी है बेहाल
गेस्ट हाउस में रहने को मजबूर है एक सब इंस्पेक्टर
बबीता माली
कोलकाता, समाज्ञा : कोरोना वायरस का आतंक चारों तरफ फैल गया है। इस वायरस के लक्षण जैसे बदल रहे है, वैसे ही बढ़ रहा है लोगों में डर और साथ ही बढ़ रहा है संक्रमण। कोरोना के लक्षणों में तेज बुखार, गले में दर्द, सर्दी और खांसी शामिल है मगर कुछ एक मामलों में देखा जा रहा है कि इनके अलावा भी कई लक्षण है जिससे कोरोना का संक्रमण फैल रहा है। इस बाबत हल्के बुखार को भी डॉक्टर हल्के में नहीं ले रहे हैं। पहले ही ग्लोबल एडवायजरी बोर्ड के एक्सपर्ट ने आगाह किया है कि हल्के बुखार होने पर फीवर क्लीनिक जाए और टेस्ट करवाए। मगर इस हल्के बुखार का खामियाजा कोलकाता पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर (एसआई ) भुगत रहा है। उसकी हालत ऐसी है कि वह इस हालत में ना घर जा सकता है और ना ही थाने में ही रह सकता है। वह अपने हालत पर आंसू बहा रहा है। उसकी इस स्थिति को देखकर अन्य पुलिसकर्मियों में भी चिंता झलक रही है।
कोलकाता पुलिस अस्पताल से आईडी अस्पताल का लगाया चक्कर
नॉर्थ डिवीजन के एक थाने के एसआई को हल्का बुखार आया था। उसे सबसे पहले कोलकाता पुलिस अस्पताल भेजा गया लेकिन वहां उसकी इलाज करने की जगह उसे बेलियाघाटा आईडी अस्पताल रेफर कर दिया गया। वह भी बेलियाघाटा आईडी अस्पताल गया। मगर वहां भी उसे निराशा मिली। वहां उसे घर पर रहने का ही सुझाव दिया गया। हम आपको यहां बता दे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक निर्देशिका जारी कर कहा कि अगर कोई कोरोना से संक्रमित है तो वे अपने घर पर ही रहकर इलाज करवा सकते है। मगर इस निर्देश पर अमल करना हर किसी के लिए संभव नहीं है क्योंकि इससे घर के अन्य परिजनों के संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ने की संभावना है। वहीं सूत्रों का कहना है कि कोलकाता पुलिस अस्पताल ने पहले भी कई पुलिसकर्मियों को भर्ती लेने से मना किया क्योंकि उनके अस्पताल में कोरोना मरीज़ के इलाज के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है।
एसआई को थाने में रहने की भी इजाजत नहीं
सूत्रों का कहना है कि वह एसआई अभी इस स्थिति में अपने घर नहीं जाना चाहता है क्योंकि वह नहीं चाहता है कि उसके परिजनों को कोई परेशानी हो। वहीं उस एसआई को थाने में भी रहने की इजाजत नहीं है। थाने के एक सूत्र ने बताया कि उस एसआई को थाने में रहने की इजाजत नहीं दी गई है क्योंकि उसे बुखार है। दरअसल, उसे बहुत ही हल्का ९९ डिग्री फारेनहाइट बुखार है मगर इससे दूसरे पुलिसकर्मी प्रभावित ना हो इसके लिए यह कदम उठाया गया है। वहीं उक्त एसआई का ठिकाना अभी गेस्ट हाउस बना हुआ है। उसने थाना इलाके के एक गेस्ट हाउस में पनाह लिया है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि निजी अस्पतालों में बेड भी फिलहाल उपलब्ध नहीं हो रहे है।
पुलिस के हेल्थ स्कीम निजी अस्पताल में नहीं है मान्य
सूत्रों ने बताया कि पुलिस के वेस्ट बंगाल हेल्थ स्कीम, कोलकाता पुलिस मेडिक्लेम भी निजी अस्पतालों में मान्य नहीं है। पुलिस को इलाज के लिए खुद से ही रुपए का इंतेजाम करना पड़ रहा है। यह भी अभी पुलिसकर्मियों के लिए बहुत बड़ी समस्या है।
बिना वरिष्ठ अधिकारी के अनुमति के कोई नहीं करवा सकता है से अपना कोरोना टेस्ट
कोरोना वायरस किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। चाहे वह डॉक्टर , पुलिस या मीडियाकर्मी ही क्यों ना हो। कोलकाता के दो डॉक्टरों की मौत ने यह भी साबित कर दिया है कि यह वायरस कितना खतरनाक है। इसके अलावा अभी पुलिसकर्मी सबसे ज्यादा लोगों के संपर्क में आ रहे है। गार्डन रीच थाने के ओसी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद फोर्स में भी डर बैठ गया है। वहीं अभी इस लॉक डाउन में अभी पुलिस ही है जो लोगों की हर मदद के लिए हाजिर हो रही है। ऐसे में उनके संक्रमण का खतरा भी ज्यादा है। मगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों को सुरक्षा के सारे इंतेजाम मुहैया करवाए जा रहे है। वहीं सूत्रों का कहना है कि अगर किसी पुलिसकर्मी को संदेह है और वह अपना कोरोना टेस्ट करवाना चाहता है तो वह खुद से जाकर टेस्ट नहीं करवा सकता है। उसे टेस्ट करवाने के लिए अपने डिपार्टमेंट से यानी वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ेगी। तब ही वह अपना टेस्ट करवा सकता है।