कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे के उन्नयन के उद्देश्य से की गई सामग्री की खरीद में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को दी।
बनर्जी द्वारा गठित समिति में गृह सचिव अलापन बंद्योपाध्याय, वित्त सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम वाली शामिल हैं। बनर्जी के कार्यालय को करीब पांच महीने पहले महामारी फैलने के बाद अनियमितताओं की कई शिकायतें मिली थीं।
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वित्त विभाग द्वारा राज्य के स्वास्थ्य आधाभूत ढांचे के उन्नयन के लिए निविदा (बोली प्रक्रिया) में ढील दिए जाने के बाद ऐसी कथित अनियमितताएं हुईं। सीएमओ द्वारा इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद मुख्यमंत्री काफी अप्रसन्न हैं।’’
उन्होंने कहा कि समिति अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को सौंपेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यदि किसी के खिलाफ अनियमितताएं साबित होती हैं, तो उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए आवंटित धनराशि में से अधिकतर राशि अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों के बुनियादी ढांचे का उन्नन करने के लिए जरूरी सेनेटाइजर, दस्ताने, मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और अन्य सामग्री खरीदने में खर्च की गई।’’
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार तक 29.10 लाख पीपीई के आर्डर दिए थे और उनमें से 20.48 लाख प्राप्त किए हैं। उसने 14.90 लाख एन-95 मास्क और 48.80 लाख अन्य मास्क खरीदे हैं।
उसने कहा कि सरकार ने 37.35 लाख दस्ताने और 20,000 थर्मल गन भी हासिल किये हैं।
बंगाल में वेंटिलेटर और अन्य स्वास्थ्य सामग्री की खरीद में अनियमितता की जांच के लिए समिति गठित
