कानपुर
कोरोना के बीच उत्तर प्रदेश की कई सरकारी व्यवस्थाएं पत्थर के बुत में तब्दील हो गई हैं। न जाने कितनों ने इनसे मदद की गुहार लगाई, बार-बार सिर टकराया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सुपरपावर देशों से जिस यूपी की तुलना हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, वहां की एक तस्वीर सत्ता पर बैठे हर शख्स को देखनी चाहिए। मामला है उत्तर प्रदेश के कन्नौज जनपद का, जहां पर माता-पिता अपने एक साल के बच्चे को लेकर पहुंचे।
जब वे अस्पताल पहुंचे तो बच्चा बुखार से तप रहा था, गले में सूजन थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दंपती का आरोप है कि वे डॉक्टरों के सामने बच्चे के इलाज को गिड़गिड़ाते रहे लेकिन बुत में तब्दील व्यवस्थाएं भी भला किसी की कहां सुनती हैं। माता-पिता कहते हैं, ‘डॉक्टरों ने बच्चे को छूने से मना कर दिया, वे कहने लगे कि इसे कानपुर ले जाओ, जो कि तकरीबन 90 किलोमीटर दूर था। डॉक्टरों ने कहा कि कानपुर में बड़े अस्पताल हैं, कई अच्छे सरकारी अस्पताल हैं। कुछ देर बाद बच्चे की मौत हो गई।’ हालांकि, कन्नौज जिला प्रशासन और अस्पताल की ओर से इन आरोपों का खंडन किया गया है।
बच्चे की लाश से लिपटकर रोता रहा पिता, डॉक्टरों ने बच्चों को देखने तक से किया था मना
