नयी दिल्ली : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेशन इक्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने शुक्रवार को कक्षा 10वीं और 12वीं की उन परीक्षाओं के लिए मूल्यांकन योजना की घोषणा की जिन्हें कोविड-19 महामारी के चलते रद्द कर दिया गया है।
योजना के तहत उम्मीदवारों का मूल्यांकन उन विषयों में प्राप्त अंकों में से तीन सर्वश्रेष्ठ प्रतिशत अंकों के आधार पर किया जाएगा जिनकी परीक्षाएं हो गई हैं। साथ ही इसके लिए मूल्यांकन में उनका आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वर्क के अंकों को भी संज्ञान में लिया जाएगा।
बोर्ड के एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘‘पेपर्स में अंक प्रदान करने के लिए जिस फार्मूले का इस्तेमाल किया जाएगा उसके घटकों में उन पेपर्स में तीन सर्वश्रेष्ठ प्रतिशत अंक शामिल होंगे जिसकी परीक्षा में अभ्यर्थी बोर्ड परीक्षा में बैठा था। साथ ही इसमें पेपर के आंतरिक मूल्यांकन में प्राप्त अंक प्रतिशत को भी शामिल किया जाएगा।’’
आंतरिक मूल्यांकन फार्मूला कक्षा 12वीं के लिए लागू होगा जो कि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (आईएससी) परीक्षा है जबकि कक्षा 10वीं के मूल्यांकन के लिए प्रोजेक्ट वर्क को संज्ञान में लिया जाएगा जो कि इंडियन सर्टिफिकेट आफ सेकंडरी एजुकेशन (आईसीएसई) परीक्षा है।
लंबित परीक्षाएं पूर्व में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू होने के चलते स्थगित कर दी गई थीं। ये परीक्षाएं एक जुलाई से 14 जुलाई तक होनी थीं।
बोर्ड ने बाद में घोषणा की थी कि कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र लंबित बोर्ड परीक्षाओं में नहीं बैठने का विकल्प चुन सकते हैं और प्री-बोर्ड परीक्षा या आंतरिक मूल्यांकन में उनके प्रदर्शन के अनुसार उन्हें अंक प्रदान किये जाएंगे। हालांकि, कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए पिछले सप्ताह परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं।
सीआईसीएसई बोर्ड ने रद्द बोर्ड परीक्षाओं के लिए मूल्यांकन योजना घोषित की
