मुंबई : महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना ने शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पार्टी का कहना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम घुसपैठियों को भारत से बाहर कर देना चाहिए। इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना चीफ राज ठाकरे ने भी गुरुवार को सीएए का समर्थन किया था और 9 फरवरी को कानून के समर्थन में प्रोटेस्ट मार्च निकालने का ऐलान किया है।
राज ठाकरे पर शिवसेना का तंज
शिवसेना ने ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम घुसपैठियों को देश से बाहर कर देना चाहिए, इसमें कोई शक नहीं है लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि एक पार्टी ने इस मुद्दे के लिए अपना झंडा बदल लिया। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’में शिवसेना ने कहा कि राज ठाकरे ने 14 साल पहले मराठी मुद्दों पर पार्टी बनाई लेकिन अब वह हिंदुत्व की ओर मुड़ रहे हैं, लेकिन बाला साहेब और सावरकर के हिंदुत्व को निभाना बच्चों का खेल नहीं है।
शिवसेना ने कहा, ‘फिर भी हम बड़े दिलवाले हैं और हिंदुत्ववादी रुख अपनाने वाले लोगों का स्वागत करते हैं। हालांकि, यह विचारधारा उधार की है लेकिन यह हिंदुत्ववादी है। अब हिंदुत्ववादी राजनीति से भी एमएनएस को कुछ नहीं मिलने वाला है क्योंकि शिवसेना ने हिंदुत्व के लिए भी काफी कुछ किया है।
हिंदुत्व की विचारधारा नहीं छोड़ीः शिवसेना
पार्टी ने कहा कि शिवसेना ने महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है तो इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी ने अपनी हिंदुत्व की विचारधारा छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी महबूबा मुफ्ती तक से हाथ मिला सकती है लेकिन अगर कोई और ऐसा ही कदम उठाता है तो वह पाप बन जाता है। यूं तो एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना की विचारधारा अलग-अलग है, लेकिन यहां आम सहमति है, जिससे सरकार लोगों के हित में काम कर रही है।