औरंगाबाद: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। वे मध्यप्रदेश लौट रहे थे।
रेलवे ने इस दुर्घटना की समग्र जांच की घोषणा की है। हादसा औरंगाबाद से करीब 30 किलोमीटर करमाड के समीप सुबह लगभग सवा पांच बजे हुआ।
सोशल मीडिया पर वायरल, हादसे के एक वीडियो क्लिप में पटरियों पर मजदूरों के शव पड़े दिखाई दे रहे हैं और शवों के पास उनका थोड़ा बहुत सामान बिखरा पड़ा नजर आ रहा है।
जिला पुलिस प्रमुख मोक्षदा पाटिल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जीवित बचे तीन -चार लोगों ने अपने इन साथियों को जगाने की कोशिश की थी जो घटनास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर जालना से रातभर पैदल चलने के बाद पटरियों पर सो गए थे।
करमाड थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य महाराष्ट्र के जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे थे।
उन्होंने बताया कि वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। जालना से आ रही मालगाड़ी पटरियों पर सो रहे इन मजदूरों पर चढ़ गई।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘जालना में एक इस्पात फैक्ट्री में काम करने वाले ये मजदूर गत रात पैदल ही अपने गृह राज्य की ओर निकल पड़े थे। वे करमाड तक आए और थककर पटरियों पर सो गए।’’
पुलिस ने बताया कि तीन मजदूर रेल की पटरियों से कुछ दूर सो रहे थे।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण ये प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए थे और अपने घर जाना चाहते थे। वे पुलिस से बचने के लिए रेल की पटरियों के किनारे पैदल चल रहे थे।
इस हादसे में बाल बाल बच गये लोगों ने आ रही मालगाड़ी को लेकर अपने समूह के सदस्यों को जगाने का प्रयास किया। उनकी मुंहजबानी से इस हादसे के बारे में रूह कंपा देने वाली कहानी सामने आयी है।
पाटिल ने कहा, ‘‘ फंसे हुए 20 मजदूरों का समूह जालना से पैदल चल पड़ा। उसने सुस्ताने का फैसला किया और ज्यादातर पटरी पर ही लेट गये। तीन मजदूर लेटने के लिए कुछ दूरी पर समतल जमीन पर चले गये। कुछ देर बाद इन तीनों ने एक मालगाड़ी को आते देखा और चिल्लाए लेकिन किसी को कुछ सुनाई नहीं दिया।’’
आईपीएस अधिकारी ने कहा,‘‘ मेरी बचे हुए लोगों के साथ बातचीत हुई जो कुछ दूरी पर सुस्ता रहे थे। उन्होंने जोर जोर से चिल्लाकर सोते हुए अपने साथियों को जगाने की कोशिश की लेकिन वह व्यर्थ रहा एवं ट्रेन उन्हें कुचलकर निकल गयी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। बीस में से 16 की मौत हो गयी, एक घायल हो गया और तीन हमारे पास हैं। करमाड थाने में एक मामला दर्ज किया गया है।’’
मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त शैलेष पाठक ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर पर्याप्त चेतावनी की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया है और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है कि ऐसा हादसा फिर न हो। उन्होंने कहा कि प्रवासी या अन्य व्यक्तियों के रेलमार्ग पर चलने और फिर हादसे में मौत की घटना संज्ञान में आयी है, ऐसे में भविष्य में इसकी पुनरावृति रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएं।
मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त ही सभी गंभीर रेल हादसों की जांच करते हैं और सभी रेल परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करते हैं।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है। पांच लाख रूपये महाराष्ट्र सरकार तो पांच लाख रूपये मध्यप्रदेश सरकार देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर शुक्रवार को दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह कहते हुए दुख प्रकट किया कि उनके पास 16 मजदूरों की मौत पर कुछ कहने के लिए शब्द नहीं है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हें इस हादसे में लोगों की मौत की खबर पाकर बड़ा दुख हुआ है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख प्रकट किया और कहा कि राष्ट्र के निर्माताओं के साथ हुए बर्ताव पर शर्मिंदा होना चाहिए।
कांगेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस हादसे को बहुत ही दुखद और विचलित करने वाला करार दिया और मारे गये व्यक्तियों के परिवारों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की।
कांग्रेस नेता चिदम्बरम ने प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने के लिए बसों और ट्रेनों की सुविधा प्रदान करने की नीति को त्रुटिपूर्ण कदम करार दिया और कहा‘‘ आज सुबह जो त्रासदी हुई, उसे रोका जा सकता था यदि सरकार समय पर इन प्रवासी मजदूरों को बचाने के लिए आगे आयी होती।’’
महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद और मजलिस ए इत्तेहाद उल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के नेता इम्तियाज जलील ने कहा, ‘‘16 प्रवासी मजदूरों की मौत, हत्या का मामला है।’’
दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘फंसे मजदूरों की दुर्दशा की अनदेखी करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए।’’
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मजदूरों की मौत केन्द्र एवं राज्य सरकारों की लापरवाही व असंवेदनशीलता का परिणाम है। उन्होंने घर वापस आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए बेहतर व्यवस्था की मांग की।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया और उनके परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया और उनके परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रवासी मजदूरों की मौत को दिल दहलाने वाला हादसाबताया और कहा कि केंद्र को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो कि मजदूर अपने घर सुरक्षित पहुंच सके।
महाराष्ट्र में पटरियों पर सो रहे प्रवासी मजदूरों पर चढ़ी मालगाड़ी, 16 की मौत
