दुर्गा पूजा में भी मार्केट बंद रहने का डर सता रहा व्यवसायियों को
हावड़ा,समाज्ञा : तीन महीने से एशिया का सबसे बड़ा कपड़े का बाजार मंगलाहाट बंद है। इस मंगलाहाट में हर दिन करोड़ों रुपयों का व्यापार होता था लेकिन बाजार बंद होने के कारण व्यापारियों को चैत्र सेल और ईद जैसे त्योहारों पर बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था। यद्यपि मटियाब्रुज और अंकुरहाट्टी सहित कई हाट खोले गए हैं, लेकिन मंगलाहाट को खोलने के लिए अभी तक कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है। इसलिए, व्यापारियों को डर है कि दुर्गा पूजा में भी बाजार नहीं खुला तो क्या होगा।
कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने और लंबे समय तक लॉकडाउन के परिणामस्वरूप इसमें छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों के साथ-साथ विभिन्न स्तरों के व्यापारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। छोटे से मध्यम व्यवसाय यहां तक कि बड़े व्यवसाय भी घाटे में चल रहे हैं। निस्संदेह, देश भर में बेरोजगारी का बढ़ना प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। लॉकडाउन और कोरोना के कारण कई लोग अपनी नौकरियां तक खो चुके हैं। नौकरी के साथ-साथ व्यवसाय पर भी प्रभाव पड़ा है। यहीं हाल एशिया के सबसे बड़े कपड़ा मार्केट मंगलाहाट का है। एशिया का सबसे बड़ा कपड़ा बाजार हावड़ा मैदान में स्थित है।

उस बाजार से करीब दो करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। यह मंगलाहाट लंबे लॉक डाउन के कारण अभी भी बंद है। सबसे कम कीमत पर अच्छे कपड़े मिलने के कारण मंगलाहाट लोकप्रियता के शीर्ष पर है। गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और असम सहित देश के अधिकांश राज्यों में यहां से कपड़ों का निर्यात किया जाता है। यहां तक कि बांग्लादेश में भी, हावड़ा के इस बाजार से कपड़े बेचे जाते हैं। कोलकाता में खन्ना और मटियाब्रुज सहित राज्य के कई बाजार मंगलाहाट में सामान खरीदने के लिए आते हैं। इस मंगलाहाट में कुल 13 हाट हैं, जो हावड़ा मैदान चेंबर से बर्न स्टैंडर्ड जंक्शन तक फैला हुआ है। इन 13 हाट में किसी में सैकड़ों तो किसी में हजारों छोटे-छोटे स्टाल है। लगभग 25-30 लाख छोटे-बड़े व्यवसाई जुड़े हुए हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से, लगभग दो करोड़ लोग इस बाजार पर आश्रित हैं। लेकिन पिछले 3 महीनों से बाजार बंद है, व्यापारी और कारीगर परेशानी में हैं। चैत्र सेल और ईद के मौके पर भी हाट बंद रहने की वजह से व्यवसायियों को बहुत अधिक घाटा सहना पड़ा। अब व्यवसायियों को डर है कि अगर दुर्गा पूजा तक भी हॉट को नहीं खोला गया तो उनकी स्थिति बदतर हो जाएगी। नतीजतन, व्यापारी और बाजार के मालिक एक तरह के डर के साये में अपने दिन बिता रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक मंगलाहाट का सबसे पुराना बाजार बशुंधरा टॉवर प्राइवेट लिमिटेड उर्फ पोरा हाट है। इस टावर में लगभग चार हजार छोटे और बड़े स्टॉल हैं। इसके मालिक का कहना है कि लंबे समय से बंद होने के कारण कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उनके अनुसार, “प्रत्येक हाट का हर सप्ताह लगभग 300 करोड़ का कारोबार होता है। चैत्र सेल के दौरान चार सप्ताह में इस टावर से 1,600 करोड़ का कुल कारोबार होता है। ईद में लगभग 2,000 करोड़ का व्यवसाय होता है। दुर्गा पूजा के दौरान टॉवर का लगभग कारोबार 4,000 करोड़ का है। लेकिन वे इसबार पूजा को लेकर काफी चिंतित हैं। दूसरी ओर, एक अन्य हाट के प्रबंधकों ने कहा कहा, उनके प्रत्येक स्टॉल से लगभग 30-40 लाख रुपये का व्यवसाय होता है। लेकिन लंबे समय तक लॉक डाउन के कारण व्यापार में नुकसान हो रहा है। यदि यह जारी रहता है, तो स्टॉल मालिकों को पैसे कमाने के वैकल्पिक तरीकों की तलाश करनी पड़ सकती है।” मंगलाहाट के कई व्यवसायियों का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से संपर्क किया, लेकिन इसका फायदा नहीं हुआ।
कई बाजार खोले जाने पर भी मंगलाहाट नहीं खुल रहा है? इस बाजार में शामिल लोगों को ध्यान में रखते हुए, क्या मंगलाहाट को स्वच्छता नियमों के अनुसार नहीं खोला जा सकता है? हावड़ा के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, “इस तरह के बाजार को खोलने से पहले, क्षेत्र के स्वास्थ्य रिपोर्ट को देखना पड़ता है। इसके आधार पर निर्णय लिया जाना है। मंगलाहाट परिसर में हावड़ा अस्पताल भी है। इसलिए प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है कि बाजार कब खुलेगा।”