कोलकाता : निजी बसों के लिए कोई अतिरिक्त किराया मंजूर नहीं किया गया है। शनिवार को राज्य सचिवालय नवान्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया। इस दौरान, शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि सरकारी बसों की तरह निजी बसों को भी अतिरिक्त किराए को अनुमति नहीं दी जाएगी। निजी बस के किराए को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुयी थी। किराए के प्रति एक मानविक भाव होना होना बहुत जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता में 15 रूटों पर बसें पहले ही चल चल रही हैं। सोमवार से सरकारी बस सेवा को और बढ़ाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह सेवा सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही जारी रहेंगी। दूसरी ओर, ग्रीन जोन में सोमवार से आधे घंटे के अंतराल में बसें चलेंगी। उन्होंने दावा किया कि ग्रीन जोन में बसें स्वच्छता नियमों को मानते हुए चलाई जा रही है। उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि बस में बीस से अधिक यात्रियों को नहीं लिया जा सकता है। वहीं, स्वच्छता नियमों का पालन करते हुए निजी बसों और टैक्सियों को धीरे-धीरे चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑटो के मामले में राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को एक प्रस्ताव दिया गया है। इस मुद्दे पर चर्चा के बाद निर्णय की घोषणा की जाएगी। बसों के साथ ऐप आधारित कैब सेवा को बढ़ाया गया है। धीरे धीरे नीली और सफेद टैक्सियों को भी चलाया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते समय स्वच्छता नियमों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यात्रियों को मास्क पहना अनिवार्य होगा, अपने हाथों को सैनिटाइज़ करना होगा, इन सब विषयों को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। इसके अलावा, सुबह 7 से शाम 7 बजे तक जो कोई भी जहां चाहें वहां जा सकते हैं। सरकार परिवहन के क्षेत्र में सभी प्रकार की सहायता प्रदान करेगी। हालांकि, उस स्थिति में, यात्रियों को धैर्य रखना होगा और नियमों का पालन करना होगा। परिवहन मंत्री ने कहा की सोमवार से जरूरी परिसेवा के लिए एक हजार ओला, उबर सड़कों पर उतरेगी।
प्राईवेट मालिकों ने कहा, किराया वृद्धि के बगैर बसें चलाना संभव नहीं
प्राईवेट बस मालिकों के संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि किराए में वृद्धि के बगैर बसें चलाना संभव नहीं होगा। शनिवार की शाम प्राइवेट बस मालिकों के संगठन ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बार सिंडिकेट के महासचिव तपन बनर्जी ने बताया कि किराया वृद्धि के बगैर बस चलाना असंभव है। लंबे समय से हम किराया वृद्धि की मांग करते रहे हैं। लॉकडाउन से पहले ही वर्तमान किराए में बस चलाना मुश्किल हो रहा था। इस वजह से बहुत सी बसें पहले ही सड़कों से हट चुकी हैं। ऐसे में शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए महज 20 यात्रियों को लेकर वर्तमान किराये में बस चलाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हमसे पूछा था कि बस चलाने के लिए क्या करना होगा? हमने इसका जवाब दाखिल कर दिया था। अब राज्य सरकार किराया वृद्धि से इनकार कर रही है। उन्होंने बताया कि हम सोमवार को लिखित रूप में सरकार को अपने फैसले से अवगत करा देंगे। हम सरकार को बता चुके हैं कि लंबे समय तक बसों के नहीं चलने से हमें कितना नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार यदि हमारे नुकसान की भरपाई करें तो हम बस चलाने के बारे में सोच सकते हैं।