अलीपुर चिड़ियाखाना का दीदार, अभी नहीं है संभव

अनलॉक 1 में खुली दुकानें, माल, रेस्तरां, पर चिड़ियाखाना पर अब भी छाए है काले बादल

खोलने को लेकर नहीं मिली है अभी तक कोई निर्देशिका : डायरेक्टर

उजड़ी हरियाली को फिर से लाने के लिए चिड़ियाखाना में चल रहा है काम 

बबीता माली

कोलकाता, समाज्ञा : अनलॉक १ फेज में धीरे – धीरे सभी बंद दुकानें, ऑफिस, माल और रेस्तरां खुल गई है। सोमवार को महानगर पूरी तरह से अनलॉक हो गया मगर अभी भी महानगर के पर्यटन स्थलों पर काले बादल छाए हुए हैं। महानगर का सबसे पसंदीदा और पर्यटन स्थलों में से एक है अलीपुर चिड़ियाखाना। किसी भी जगह से आने वाले पर्यटकों का अलीपुर चिड़ियाखाना हॉट स्पॉट होता है। बच्चों से लेकर बड़े, सभी चिड़ियाखाना की तरफ हमेशा ही आकर्षित होते है लेकिन अभी भी जब महानगर खुल गया है तब भी चिड़ियाखाना का दीदार संभव नहीं है। यह इंतजार कब खत्म होगा, इसका भी जवाब अभी नहीं मिला है। इस बारे में अलीपुर चिड़ियाखाना के डायरेक्टर आशीष कुमार सामंत ने बताया कि अभी तक चिड़ियाखाना को खोलने के लिए कोई निर्देशिका नहीं मिली है। इस बाबत अभी यह बता पाना संभव नहीं है कि कब से चिड़ियाखाना को खोला जाएगा। 

कोरोना में भी स्वस्थ्य है यहां के पशु – पक्षी, रोजाना हो रही है जांच

कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है तो यहां पशु – पक्षियों के स्वास्थ्य का भी और ज्यादा ध्यान रखा जा रहा है। रोजाना ही इनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। इस बारे में भी डायरेक्टर का कहना है कि चिड़ियाखाने के पशु – पक्षी सभी स्वस्थ हैं। इनमें से किसी में भी कोरोना के कोई लक्षण नहीं देखी गई है। फिर भी इनका और ज्यादा ख्याल रखा जा रहा है। 

अम्फान से गिरे 40 पेड़, नए तरीके से लगाए गए है 20 पेड़ 

उन्होंने बताया कि सुपर साइक्लोन अम्फान ने चिड़ियाखाना की हरियाली भी बर्बाद कर दी। अम्फान में यहां की ४० पेड़ गिर गई। इनमें से अधिकतर पेड़ ४०-५० साल पुराने थे। जिस तरह से पेड़ गिरे थे उन्हें फिर से लगाना संभव नहीं था। मसलन इन पेड़ों का रिप्लांटेशन संभव नहीं था। मगर फिर से हरियाली को लाना था। इस बाबत अभी यहां २० पेड़ लगाए गए हैं। इनमें सोनावू और कुर्ची नाम के पेड़ शामिल है। उन्होंने बताया कि बंगाल के विभिन्न नर्सरी से इन पौधों को मंगवाया जा रहा है। कुछ दिनों में और पेड़ भी लगा दिए जाएंगे।

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