केपी के पास नहीं कोरोना संदिग्धों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस!

* आरोप ट्रॉमा केयर एम्बुलेंस के ड्राइवर नहीं हो रहे हैं उपलब्ध
* मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में पुलिस को हो रही है दिक्कत

बबीता माली
कोलकाता, समाज्ञा : कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लॉक डाउन किया गया है। मगर रोजाना ही कोरोना संदिग्धों की संख्या में इजाफा हो रहा है। शनिवार को पूरे देश में कोरोना संदिग्धों की संख्या 1003 तक पहुंच गई है, जबकि मारने वालों की संख्या भी बढ़कर 21 तक पहुंच गई है। कोलकाता में भी कोरोना वायरस संदिग्धों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। जिस तरह से यह मामला बढ़ रहा है उस बीच एक और समस्या पैदा हो रही है वह है एम्बुलेंस की। कोरोना संदिग्धों की संख्या बढ़ने के साथ ही साथ उन्हें अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए पुलिस को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा। क्योंकि कोरोना संदिग्धों को अस्पताल पहुंचाने के लिए पुलिस को एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो रहे है। इसके कारण कोलकाता पुलिसकर्मियों को रोजाना ही परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है मगर इसे दूर करने का कोई समाधान नहीं मिल रहा है।


ट्रॉमा केयर और अन्य एम्बुलेंस के ड्राइवर नहीं उठा रहे है फोन

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोलकाता पुलिस के पास ट्रॉमा केयर एम्बुलेंस है लेकिन उन एम्बुलेंस का इस्तेमाल कोरोना संदिग्धों को अस्पताल पहुंचाने के लिए नहीं किया जा रहा है। साथ ही पुलिस के पास कुछ एम्बुलेंस भी है लेकिन उनसे भी काम नहीं लिए जा रहा है। इसका कारण यह है कि इन ट्रॉमा केयर व एम्बुलेंस के ड्राइवर कोरोना संदिग्धों को अस्पताल पहुंचाने के लिए उपलब्ध नहीं हो रहे है। उनसे संपर्क करना भी काफी मुश्किल हो रहा है। पुलिस सूत्रों का आरोप है कि कई ड्राइवरों ने फोन उठाना भी बंद कर दिया है। जिसके कारण समस्या उत्पन्न हो गई है। पुलिस वैन या अन्य वाहन से इन मरीजों को अस्पताल पहुंचाने से संक्रमण का खतरा है।


कोरोना संदिग्धों को ले जाने के लिए नहीं है पर्याप्त व्यवस्था

पुलिस सूत्रों का कहना है कि कोरोना संदिग्धों को ले जाने के लिए जरूरी कुछ सामानों की जरूरत होती है जो कोलकाता पुलिस के ट्रॉमा केयर व पुलिस के अन्य एम्बुलेंस के पास नहीं है। ड्राइवरों को भी सुरक्षा के लिए जरूरी चीजें नहीं मुहैया करवाई गई है। शुरुआत के कुछ दिनों तक इन ड्राइवरों ने उसी मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर मरीजों को पहुंचाया था लेकिन अब सतर्कता बरतते हुए वे अपनी ओर अपने परिवार की जान जोखिम में डालने को तैयार नहीं है। आरोप है कि किसी के पास कोई फूल बॉडी कवर कोई ड्रेस नहीं दी गई है जिससे पुलिस के ये एम्बुलेंस ड्राइवर खुद की रक्षा कर सके।


मुश्किल में है पुलिसकर्मियों का काम

पुलिस सूत्रों ने बताया कि एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी पुलिस कर्मियों को ही हो रही है। इस लॉक डाउन में कहीं पर किसी को कोई सुविधा नहीं मिलने पर वे पुलिस से ही संपर्क कर रहे है। पुलिस की मज़बूरी है कि किसी भी तरह लोगों की मदद करनी ही है। इस बाबत पुलिस ड्राइवरों से मिन्नत कर उन्हें मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एड़ी चोटी का बल लगा रहे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसके साथ यह भी असुविधा है कि थाने में आने वाले लोगों की जांच के लिए भी कोई यंत्र नहीं है। ऐसे में कोई भी कोरोना संक्रमित आ सकते है। जिन्हें पहचानना प्राथमिक तौर पर संभव नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को पुलिस की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए तथा एम्बुलेंस को कोरोना संदिग्धों के लिए तैयार करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

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