आर्टिकल 370: समर्थन नहीं मिलने से एक मंच से दूसरे मंच तक दर-दर भटक रहा है पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र : जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान भारत के इस अंदरूनी मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों से उठा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन नहीं मिलने से वह एक मंच से दूसरे मंच तक दर-दर भटक रहा है। शुक्रवार को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाया, जिस पर भारत ने करारा जवाब देते हुए उसे ‘आतंकवाद का गढ़’ करार दिया। भारत ने अपने जवाब में कहा कि इस्लामाबाद ने ‘निराधार और कपट से भरे’ नैरेटिव को स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग किया है। इससे पहले, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भी कश्मीर मुद्दे को उठा भारत को बदनाम करने की नाकाम कोशिश की थी। वहां भारत ने उसे अपने गिरेबान में झाकने की नसीहत दी थी। उससे भी पहले, 16 अगस्त को चीन और पाकिस्तान के अनुरोध पर यूएनएससी में कश्मीर पर ‘बंद कमरे में’ चर्चा हुई थी लेकिन वहां इस्लामाबाद को पेइचिंग को छोड़कर किसी भी देश का साथ नहीं मिला था। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजनयिक मलीहा लोधी ने शुक्रवार को यूएन महासभा के एक सत्र के दौरान कश्मीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने आर्टिकल 370 के तहत अस्थायी तौर पर जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के भारत सरकार के 5 अगस्त के फैसले का भी जिक्र किया। लोधी ने कहा कि भारत का यह ऐक्शन ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तमाम प्रस्तावों का घोर उल्लंघन’ है। उन्होंने कहा कि यूएनएससी को भारत पर जम्मू-कश्मीर से कर्फ्यू उठाने, संचार सेवाओं को बहाल करने और हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ने के लिए दबाव डालना चाहिए।

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अपने जवाब में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के फर्स्ट सेक्रटरी संदीप कुमार बायप्पा ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार की धज्जियां उड़ा दी। उन्होंने कहा, ‘सच्चाई यह है कि (सवाल उठाने वाला) डेलिगेशन उस भौगोलिक जगह का प्रतिनिधित्व करती हैं जिसे दुनियाभर में आतंकवाद के गढ़ के तौर पर जाना जाता है। उसने हमारे क्षेत्र और उससे इतर भी बेगुनाह लोगों की जिंदगियों को खतरे में डाला है।’ हर मंच पर मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा। शुक्रवार को ही उसके प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीओके की एक रैली में कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र महासभा और हर अंतरराष्ट्रीय फोरम में कश्मीर के मुद्दे को उठाएंगे।

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