इस्लामाबाद : जम्मू-कश्मीर के मसले पर संसद में भाषण देते हुए पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि 1971 की जंग के बाद इंदिरा गांधी ने हजारों एकड़ जमीन पाकिस्तान को लौटाई थी। उन्होंने कहा कि 1971 की जंग में 90,000 कैदी भारत के पास थे। इसके अलावा हजारों एकड़ जमीन भी भारत के कब्जे में थी, तब पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो ने इंदिरा गांधी से बातचीत की। इसके बाद इंदिरा गांधी ने सैनिक भी लौटाए और हमारी जमीन भी वापस की। जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने को बांग्लादेश बनाए जाने से तुलना करते हुए जरदारी ने संसद में कहा कि पूर्वी पाकिस्तान की समस्या के बाद यह उतनी ही बड़ी समस्या है। यदि हम समझें तो लेकिन इसे समझने के लिए हमें इतिहास का सहारा लेना होगा। जरदारी ने अपने भाषण में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर सेकुलर मूल्यों को खत्म करने का आरोप लगाया। जरदारी ने कहा कि हमने ईस्ट पाकिस्तान की जंग हारी थी, मैं इस पर नहीं जाना चाहता। इसके बहुत से मसले हैं, लेकिन हमारा आधा अंग टूट चुका था। इसी तरह आज कश्मीर का आधा अंग हमारा टूट चुका है। कश्मीर और भारत के मुसलमानों को जिन्ना की यह बात समझ आ गई है कि दो राष्ट्र का सिद्धांत ही चलेगा। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बयानों का हवाला देते हुए जरदारी ने कहा कि कश्मीर की लीडरशिप खुद कह रही है कि हमने गलती की कि हमने भारत का साथ दिया। यह बात समझने के लिए हमें दूरदृष्टि चाहिए। जरदारी ने कहा कि क्या आपको नहीं पता कि आपकी इकॉनमी की स्थिति क्या है। उनकी इंटेलिजेंस एजेंसी सब जानती है। आज तो इंटरनेट है सीरिया की गोलन पहाड़ियों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां तमाम मुस्लिम ताकतें लड़ीं, लेकिन इजरायल से हासिल नहीं कर सके। इसके साथ ही जरदारी ने पाकिस्तान सरकार को संयुक्त राष्ट्र अमीरात, चीन, रूस, ईरान के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करने का भी सुझाव दिया।
पाकिस्तानी संसद में आसिफ अली जरदारी का दावा, 1971 की जंग के बाद इंदिरा गांधी ने हजारों एकड़ जमीन व सैनिक पाकिस्तान को लौटाई थी
