पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, पत्रकारों पर हमले का मतलब लोकतंत्र पर हमला : दिलीप घोष

कोलकाता, समाज्ञा : बंगाल में पत्रकारों पर हो रहे कथित हमले को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने सोमवार को ममता सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। पत्रकारों पर हमले का मतलब लोकतंत्र पर हमला है। इस दिन, कोलकाता प्रेस क्लब में प्रगतिशील राष्ट्रवादी पत्रकार संघ के गठन के मौके पर, घोष ने कहा कि पत्रकार जोखिम लेकर जनता को सूचना पहुंचाता है। उसकी खबरें किसी को खुश तो किसी को नाराज भी कर सकती हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि पत्रकारों की आवाज को दबाने के लिए उन पर हमले किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी घटनाएं होने लगी हैं, जो चिंताजनक है। घोष ने कहा कि सत्तापक्ष यह भूल गया है कि लोकतंत्र में सबको बराबरी का हक है। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। पत्रकारों पर हमले का मतलब लोकतंत्र पर हमला है। हमको इससे बचना होगा। घोष ने आगे कहा कि बंगाल में लगातार पत्रकारों को दबाने का प्रयास हो रहा है। पत्रकार असुरक्षित हैं। उनके पास ना तो नौकरी की गारंटी है, ना ही व्यक्तिगत सुरक्षा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि यदि किसी पत्रकार के साथ ज्यादती होती है, तो वह चुप नहीं बैठेंगे। इस मौके पर, संस्था के अध्यक्ष संजय सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार सुनीत चक्रवर्ती, सचिव नरेश श्रीवास्तव, संस्था के कानूनी सलाहकार व विधाननगर के पूर्व मेयर एवं विधायक सब्यसाची दत्ता समेत बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज खन्ना ने किया।

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