मालदह, समाज्ञा : बुधवार की रात मालदह जिले के निमतिता स्टेशन पर हुए बम धमाके को लेकर राज्य में राजनीती गरमाई गई हुई है। बम धमाके में गंभीर रूप से घायल हुए श्रम मंत्री जाकीर हुसैन सहित 25 लोग इलाजरत हैं। इस घटना के बाद से एक तरफ जहां राजनैतिक पार्टीयां आरोप-प्रत्यारोप में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों का मानना है कि बम धमाका मंत्री जाकीर हुसैन को केंद्र कर ही किया गया था। निमतिता के स्थानीय लोगों का आरोप है कि मंत्री पर हमला या तो पार्टी में आपसी गुटबाजी के कारण हुआ या फीर हाल ही में महानगर में एक राजननैतिकि पार्टी के छात्र संगठन के नेता की मौत को केंद्र कर किया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान मंत्री जाकीर हुसैन ने माकपा के उम्मीदवार सोमनाथ सिंह राय को हराकर विधानसभा चुनाव में जित हासिल की थी। वहीं, गत गुरुवार को वाममोर्चा के छात्र संगठन डीवाईएफआई की ओर से राज्य सचिवालय नवान्न अभियान का अह्वान किया गया था। इसी दिन डीवाईएफआई के नेता मैदुल इस्लाम मिदा की मौत हो गई थी। ऐसे में लोगों का मानना है कि निमतिता स्टेशन पर बम धमाके की घटना का इस मामले से कोई संबध हो सकता है। वहीं कई लोगों का यह भी मानना है कि मंत्री पर हमला आपसी गुटबाजी के कारण किया गया था। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2017 में मंत्री जाकीर हुसैन ने तृणमूल के ही कुछ लोगों के खिलाफ उन्हें जान से मारने की धमकी देने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। लोगों का कहना है कि जिस तरह तृणमूल में एक के बाद एक नेता दूसरे पार्टी में शामिल हो रहे हैं ऐसे में पार्टी के ही लोगों ने उन पर हमला किया होगा। गौरतलब है कि गुरुवार को मुखयमंत्री ममता बनर्जी जाकीर हुसैन से मुलाकात करने एसएसकेएम अस्पताल पहुंची थी। वहां उन्होंने बताया कि इस घटना की जांच सीआईडी, सीआईएफ और एसटीएफ को सौंप दी गई है। ऐसे में अब देखना यह है कि क्या निमतिता स्टेशन पर हुआ बम धमाका राजनितिक था? और क्या वाकई मंत्री पर हुए हमले में आपसी गुटबाजी या इलाके की प्रतिद्वंदिता ही मुख्य कारण है?
आपसी गुटबाजी या इलाके की प्रतिद्वंदिता के कारण हुआ मंत्री पर हमला?
