गवर्नर धनखड़ के लिए विधानसभा के सारे दरवाजे बंद, कुछ देर बाद दूसरे गेट से मिली एंट्री
कोलकाता
पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी और गवर्नर जगदीप धनखड़ के बीच चल रहे टकराव ने गुरुवार को नाटकीय मोड़ ले लिया। विधानसभा पहुंचे गवर्नर जगदीप धनखड़ के लिए एंट्री गेट ही बंद था और मजबूरन उन्हें दूसरे गेट से प्रवेश करना पड़ा। इसके बाद वह गेट पर ही खड़े हो गए और मीडिया से बातचीत करते हुए ममता सरकार पर निशाना साधा। हालांकि कुछ देर बाद वह गेट नंबर दो से विधानसभा के अंदर गए। प्रोटोकॉल के तहत गवर्नर गेट नंबर तीन से विधानसभा में एंट्री करते हैं।
गवर्नर बोले, मैं अपमानित नहीं, हैरान हूं
बता दें कि गवर्नर ने कहा था कि गुरुवार को वह विधानसभा जाएंगे। वह पहुंचे तो विधानसभा का गेट ही बंद था। इसके बाद गेट के बाहर ही खड़े होकर मीडिया से बात करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘बतौर गवर्नर मैं अपमानित महसूस नहीं कर रहा हूं। मैं व्यवस्था में सुधार के लिए हूं। मेरी भूमिका रचनात्मक जिम्मेदारी निभाने की है। मेरी भूमिका यह है कि हर किसी को भारतीय संविधान में भरोसा होना चाहिए। मैं इस गेट पर आया हूं, जो मेरे प्रवेश के लिए बना है। मुझे हैरानी है और आप लोगों को भी होनी चाहिए। यह बंद क्यों है? विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा तो इसका मतलब यह नहीं कि विधानसभा बंद होनी चाहिए। यह हालात हैं। लोकतंत्र इस तरह से नहीं चल सकता है। यह लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली की विशेषता नहीं है।
प्रोटोकॉल के तहत नहीं खुला था विधानसभा का गेट’
गवर्नर ने कहा कि उनका मकसद विधानसभा की ऐतिहासिक इमारत को देखना है। इसके साथ ही वह लाइब्रेरी भी जाने वाले हैं। गवर्नर ने कहा कि विधानसभा में आने के बारे में उन्होंने लिखित सूचना दी थी। संविधान में राज्यपाल को प्रदेश के पहले नागरिक का दर्जा दिया गया है। पश्चिम बंगाल में राज्यपाल प्रोटोकॉल के तहत विधानसभा के गेट नंबर तीन से प्रवेश करते हैं। 26 नवंबर को संविधान दिवस के दिन भी यह गेट खुला हुआ था लेकिन गुरुवार को जब राज्यपाल विधानसभा में दाखिल होने के लिए पहुंचे तो यह पूरी तरह से बंद था। इससे पहले राज्यपाल ने बुधवार को भी ममता सरकार के खिलाफ नाराजगी का इजहार करते हुए कहा था कि वह न तो रबर स्टैंप हैं और न ही पोस्ट ऑफिस।