कोलकाता : पश्चिम बंगाल निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को बताया कि वह पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को प्रस्तावित पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि एक दिन बढ़ाकर 16 जून कर सकता है।
मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने प्रस्तावित पंचायत चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने और केंद्रीय बलों की तैनाती की तारीख बढ़ाने को लेकर विपक्षी नेताओं की जनहित याचिकाओं पर संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पर फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए उचित दिशानिर्देश जारी करेगी कि नामांकन उचित तरीके से दाखिल किये जा सकें।
विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उनके (विपक्षियों के) उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं और हिंसा पर उतारू हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने आठ जून को घोषणा की थी कि मतदान आठ जुलाई को होगा और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 जून होगी।
अदालत ने नौ जून को कहा था कि त्रि-स्तरीय ग्रामीण चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के वास्ते दिया गया समय प्रथम दृष्टया अपर्याप्त है।
एसईसी की ओर से पेश वकील जयंत मित्रा ने सोमवार को खंडपीठ के समक्ष एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और कहा कि नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 जून तक बढ़ाई जा सकती है। मित्रा ने कहा कि पिछले अवसरों पर भी इस उद्देश्य के लिए छह दिन दिए गए थे।
उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और नेता प्रतिपक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शुभेंदु अधिकारी द्वारा तारीखों के विस्तार के साथ-साथ केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए दायर याचिकाओं पर एक हलफनामे के रूप में एक रिपोर्ट दाखिल करने का एसईसी को निर्देश दिया था।
अधिकारी के वकील एस. गुरु कृष्णकुमार ने अदालत को बताया कि चुनाव की अधिसूचना नये आयुक्त के कार्यभार संभालने के एक दिन के भीतर जारी की गई थी और इस पर सवाल उठता है कि इतने कम समय में राज्य सरकार के साथ किस तरह का परामर्श हुआ हो सकता है।
उन्होंने कहा कि नियम कहते हैं कि राज्य सरकार एसईसी के परामर्श से चुनाव की तारीखें तय करेगी।
रिपोर्ट और याचिकाकर्ताओं की दलीलों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने कहा, “नामांकन उचित तरीके से दाखिल हो, यह सुनिश्चित करने के लिए जो कुछ भी किया जाना है उसके लिए हम उचित दिशानिर्देश जारी करेंगे।”
यह कहते हुए कि 73,000 से अधिक सीट पर चुनाव होने हैं, उन्होंने दलील दी कि इतनी बड़ी कवायद के लिए प्रत्येक दिन केवल चार घंटे प्रदान किए गए हैं।
मित्रा ने अदालत को बताया कि अब तक 10,000 से अधिक नामांकन पत्र दाखिल किए जा चुके हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मतदाताओं का विश्वास नहीं डगमगाना चाहिए और उन्हें स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए एसईसी के पास शक्तियां हैं।
चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर, खंडपीठ ने पूछा कि क्या राज्य बल में पुलिसकर्मियों की संख्या पर्याप्त है।
अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई भोजनावकाश के बाद जारी रहेगी।
प. बंगाल निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ा सकता है
