बंगाल के राज्यपाल ने भाजपा सांसद को ‘धमकाने’ के लिए पुलिस प्रशासन की आलोचना की

कोलकाता: ममता बनर्जी नीत सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि जब भाजपा के एक सांसद सेना के शहीद जवान सुबोध घोष के अंतिम संस्कार में श्रद्धांजलि देने गए तो उनके साथ पुलिस और प्रशासन ने उचित व्यवहार नहीं किया जो ” कर्तव्य की घोर उपेक्षा” है।

धनखड़ ने राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों से रिपोर्ट भी तलब की है
राज्यपाल ने ममता बनर्जी और राज्य पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया कि पुलिस की ‘राजनीतिक तटस्थता’ स्वाहा हो गई है। नदिया के पलासी श्मशान घाट पर शहीद सुबोध घोष के अंतिम संस्कार में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा सांसद जगन्नाथ सरकार से जिस तरह का बर्ताव किया गया है वह पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी द्वारा कर्तव्य की घोर उपेक्षा है।धनखड़ का जुलाई 2019 में राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस सरकार से टकराव चल रह है।उन्होंने कहा कि इस घटना की वजह से “लोकतंत्र शर्मसार “हुआ है।

राज्यपाल ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी का सांसद एक अतिथि होता है और विपक्षी पार्टी के सांसद को दुखद मौके पर “धमकाया” जाता है।एक अन्य ट्वीट में धनखड़ ने कहा अगर लोकतंत्र को जीवित रखना है तो वर्दी में इस अपराध के लिए ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो मिसाल बन सके । राजनीतिक तौर पर काम करने वाले लोक सेवक कानून के कोप का सामना करेंगे।

धनखड़ ने कहा कि उन्होंने भाजपा सांसद से किए अनुचित व्यवहार के बारे में राज्य के सुरक्षा सलाहकार को बताया है।कश्मीर के बारामूला में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा शुक्रवार को की गई भारी गोलाबारी में शहीद होने वालों में घोष भी शामिल हैं।

रानाघाट से भाजपा सांसद सरकार ने आरोप लगाया है कि उन्हें उस मैदान में जाने की इजाजत नहीं दी गई, जहां शहीद जवान का पार्थिव शरीर रखा हुआ था, जबकि कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को जाने की अनुमति दे दी गई।

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