कोलकाता: चिकित्सकों ने उपनगरीय ट्रेनों में कोविड सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किये जाने पर चिंता जताते हुए आगाह किया है कि इससे महामारी की स्थिति बिगड़ सकती है।उपनगरीय ट्रेन सेवाएं कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में बुधवार को बहाल हुईं।
सात महीने के अंतराल के बाद ट्रेन सेवाएं सुबह बहाल होने पर लोग कई स्टेशनों पर ट्रेन में सवार होने के लिए धक्का मुक्की करते दिखे और ट्रेन के डिब्बों में भी भीड़ थी।चिकित्सकों ने कहा कि इस तरह के उल्लंघन वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल हैं। इससे, पिछले कुछ हफ्तों में इस बीमारी के खिलाफ मिले लाभ को नुकसान पहुंचेगा।
जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अनिर्बान दलुई ने कहा कि हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि लोग कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं और यह निश्चित रूप से हमारे लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि जो लोग बिना लक्षण वाले हैं या हल्के लक्षण वाले हैं वे ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं और ऐसा करके उन लोगों के जीवन को खतरे में डालते हैं जो उचित सावधानी नहीं बरत रहे हैं।ज्वाइंट प्लेटफार्म ऑफ डॉक्टर्स के डॉ. हीरालाल कोनार ने इन उल्लंघनों के लिए राज्य सरकार और रेलवे की कथित खराब योजना को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि स्थिति काफी चिंताजनक है। मुझे डर है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वायरस उस स्तर तक फैल जाएगा जहां यह नियंत्रण से बाहर होगा।वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस. बंधोपाध्याय ने हालांकि कहा कि यात्रियों को उपनगरीय ट्रेनों में यात्रा करते समय सुरक्षा मानदंडों को समझने और अभ्यास करने में कुछ दिन लगेंगे।
उन्होंने कहा कि स्थिति हमारे लिए एक चिंता का विषय है लेकिन सरकार या रेलवे को दोष नहीं दिया जा सकता है। आम लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखने और यात्रा करते समय प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कुछ जिम्मेदारी दिखानी होगी।