बंगाल का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन पुरस्कार विजेता किरीटेश्वरी गांव के ग्रामीणों में जगी विकास की उम्मीद

नवग्राम स्थित किरीटेश्वरी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक

इस गांव के लोग आज भी कई बुनियादी सुविधाओं से है वंचित

चन्दन राय

कोलकाता, समाज्ञा :
अगर आपको रेलवे स्टेशन जाना है, तो आपको या तो कार किराए पर लेनी पड़ेगी या किसी को आपको स्टेशन छोड़ने के लिए अनुरोध करना पड़ेगा। अगर केंद्र सरकार को लगता है कि हमारे गांव में क्षमता है तो यहां का विकास भी उन्हें जमीनी स्तर पर सुनिश्चित करना चाहिए।” किरीटेश्वरी मंदिर के बाहर एक छोटी सी किराने की दुकान चलाने वाली मिठू गांगुली ने यह कहा।
शहर की शोर से दूर किरीटेश्वरी गांव पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में स्थित है। दोपहर के वक्त में तो यहां रेगिस्तान जैसा सन्नाटा दिखाई पड़ता है। मंदिर की घंटियों या महिलाओं की बातचीत की आवाज से बीच-बीच में यह सन्नाटा टूट जाता है। आजकल गांव कि महिलाओं के बीच बेहतर रेल और सड़क कनेक्टिविटी और युवाओं के लिए अधिक नौकरी के अवसरों जैसे विषयों पर बातचीत होती है। वे चाहते हैं कि राज्य और केंद्र सरकार, कोलकाता से लगभग 220 किमी और जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर स्थित उनके गांव को विकसित करें। महिलाओं की बातचीत में बदलाव तब आया जब केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने किरीटेश्वरी को ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव 2023’ के रूप में मान्यता दी। असम का बिश्वनाथ घाट और तेलंगाना का पेमबर्थी और चंदलापुर भी इसी सूची में शामिल हो गए हैं।


किरीटेश्वरी गांव का नाम, वहां स्थित किरीटेश्वरी मंदिर के नाम पर रखा गया है। यह मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में शामिल है। यहां हर साल भाईचारे के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। किरीटेश्वरी मंदिर का निर्माण करीब 300 साल पहले नाटोर की रानी भवानी ने कराया था। मुर्शिदाबाद जिले के नबाग्राम ब्लॉक में स्थित यह गांव दहापाड़ा रेलवे स्टेशन से 2 किमी और बहरमपुर रेलवे स्टेशन से 25 किमी दूर है। यहां के ग्रामीणों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि यहां कोई एक्सप्रेस ट्रेन नहीं रुकती है, जिस कारण उन्हें काफी समस्या उठानी पड़ती है और ट्रेन पकड़ने के लिए बहरामपुर स्टेशन जाना पड़ता है। ग्रामीणों के मुताबिक, केंद्र सरकार को अगर लगता है कि इस गांव में क्षमता है तो उन्हें इस क्षेत्र के विकास में ध्यान देना चाहिए। ग्रामीणों का दावा है कि उनके क्षेत्र को विकास की जरूरत है, वे आज भी कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। हालांकि, क्षेत्र में सोलर लाइट लगाने का काम चल रहा है।
27 सितंबर को वर्ल्ड टूरिज्म डे के मौके पर दिल्ली में आयोजित एक समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने पहुंचे किरीटेश्वरी मंदिर उन्नयन समिति के सचिव प्रभात चंद्र दास ने फोन पर बताया कि,“यह एक हजार साल पुराना एक ऐतिहासिक मंदिर है। हमे बहुत खुशी महसूस हो रही है। इस गांव को बहुत दिनों से विकास की जरूरत है। इस गांव को एक अस्पताल की भी जरूरत है। यहां फिलहाल, एक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां कर्मचारियों की संख्या कम है।
मंदिर समिति से काफी लंबे समय से जुड़े रफीकुल मंडल ने कहा, “ यह गांव सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है। बशीरहाट में जब सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, तो हमने सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए किरीटेश्वरी मंदिर को जमीन देने में योगदान दिया।” वहीं, मंदिर समिति के सहायक सचिव सौमित्र दास ने कहा, “ इस मंदिर समिति के सदस्यों में वर्तमान में हिंदू, मुस्लिम और आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हैं। यह मान्यता केवल किरीटेश्वरी मंदिर तक ही सीमित नहीं है। हमने पुरस्कार आवेदन में आदिवासी समुदाय के छाउ नृत्य पर भी प्रकाश डाला। मुर्शिदाबाद जिला इतिहास ओ संस्कृति चर्चा केंद्र के क्यूरेटर और सचिव अरिंदम रॉय ने कहा, “अगर किरीटेश्वरी गांव आर्थिक रूप से विकसित होता है, तो इससे पूरे क्षेत्र को फायदा होगा।
मुर्शिदाबाद जिला पर्यटन प्रभारी अधिकारी जयंत मंडल ने कहा, “आदिवासी समुदाय किरीटेश्वरी कहानी का एक अभिन्न अंग रहे हैं। उनकी अनूठी परंपराएं और जीवनशैली गांव की समृद्ध सांस्कृतिक छवि को जोड़ती है, जो हमें हमारी स्वदेशी विरासत के संरक्षण के महत्व की याद दिलाती है। किरीटेश्वरी महज़ एक गाँव नहीं है; यह भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का सूक्ष्म रूप है।”


राज्य सरकार ने गांव के विकास कार्य के लिए तीन स्कीम को किया स्वीकृत – राजर्षि मित्रा

मुर्शिदाबाद के जिला मजिस्ट्रेट राजर्षि मित्रा ने कहा, कहा कि “ यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि किरीटेश्वरी यह सम्मान मिला है। इस स्थान के सांस्कृतिक, सामाजिक और सांप्रदायिक महत्व को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि, राज्य पर्यटन विभाग से इसमें काफी सहयोग मिला है। इस जगह ने अपनी सांस्कृतिक विरासत और रमणीय बंगाली व्यवस्था को संरक्षित करके रखा है। राज्य सरकार की तरफ से इस जगह के लिए काफी योजनाएं बनायी गयी हैं, हमे उम्मीद है कि केंद्र द्वारा चिन्हित किए जाने के बाद, यहां विकास का कार्य तेजी से किया जाएगा। इसके अलावा, हमें केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की तरफ से आर्थिक रूप से सहयोग करने की भी उम्मीद है। राज्य सरकार द्वारा तीन स्कीम स्वीकृत की गई है। इस स्कीम के तहत मंदिर के आसपास के जगहों का नवीनीकरण का कार्य किया जाएगा।

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