नई दिल्लीः केंद्र सरकार की ‘जन विरोधी’ नीतियों के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियन्स की तरफ से कल यानी बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में कई बैंकयूनियन्स ने समर्थन का ऐलान किया है जिससे बैंकों के कामकाज पर असर होगा। अगर आप भी कल बैंक जाने के बारे में सोच रहे हैं तो बेहतर होगा कि पहले यह पता कर लें कि आपका बैंक खुला रहेगा या नहीं।
वामदलों ने भी दिया हड़ताल का समर्थन
इस देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेने वालीयूनियन्स में आइएनटीयूसी, एआइटीयूसी ,एचएमएस , सीटू,एआइयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआइसीसीटीयू ,एलपीएफ, यूटीयुसी और कई अन्य सेक्टोरल इंडिपेंडेंट फेडरेशन और असोसिएशन्स शामिल हैं। वामदलों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। इसके अलावा 60 स्टूडेंटयूनियन्सों और यूनिवर्सिटीज के अधिकारियों ने भी हड़ताल का हिस्सा बनने का ऐलान किया है। शिक्षा संस्थान फीस बढ़ोतरी और शिक्षा के कमर्शलाइजेशन का विरोध करेंगे। ट्रेडयूनियन्सों ने जेएनयू हिंसा और विश्वविद्यालयों में हो रही ऐसी घटनाओं की निंदा करते हुए छात्रों का साथ देने का फैसला किया है।
पांच बैंक संगठन ने हड़ताल का समर्थन किया
बैंक के बंद रहने से एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है। यह असर 9 जनवरी को भी दिखाई दे सकता है। हालांकि बैंक ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा पर कोई असर नहीं होगा। हड़ताल को लेकर एसबीआई की तरफ से बयान दिया गया है कि कामकाज पर आंशिक असर होगा। जानकारी के मुताबिक बैंक कर्मचारियों के पांच संगठनों ने हड़ताल के समर्थन का ऐलान किया है, जिसकी वजह से कई बैंक बंद रह सकते हैं या आंशिक कामकाज होगा।
नौ जनवरी को एटीएम में कैश की हो सकती है किल्लत
ट्रेडयूनियन्सें इस बात से भी नाराज हैं कि जुलाई 2015 से अबतक कोई इंडियन लेबर कॉन्फ्रेस आयोजित नहीं हुई है। इसके अलावा, रेलवे और कई पीएसयूस का निजीकरण भी ट्रेडयूनियन्सों की नाराजगी का कारण हैं। बैंकों का मर्जर और डिफेंस प्रॉडक्शन इकाइयों का कॉर्पोरेटाइजेशन भी ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर श्रमिक संगठन नाराज हैं। 8 जनवरी को भारत बंद के कारण कामकाज काफी प्रभावित होगा। 9 जनवरी को बैंक खुले रहेंगे लेकिन एटीएम तक कैश न पहुंच पाने की वजह से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।