तृणमूल के चुनावी रणनीतिकार पीके का बड़ा दावा- भाजपा ने दहाई का आंकड़ा पार कर लिया, तो छोड़ दूंगा काम

*ट्वीटर पर पीके और भाजपा के बीच छिड़ा जंग

कोलकाता, समाज्ञा : राज्य में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे पर आने के बाद राज्य में चुनावी सरगर्मियां और तेज हो गई हैं। इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में अगर भाजपा दहाई का आंकड़ा पारकर पाई, तो वह अपना काम छोड़ देंगे। साथ ही, उन्होंने मीडिया को भी आड़े हाथ लिया। सोमवार की सुबह पीके ने ट्विटर पर कहा कि भाजपा की मददगार बन चुके मीडिया के एक वर्ग ने जो माहौल बना रखा है, सच्चाई इसके विपरीत है। किशोर ने कहा है कि मीडिया के एक वर्ग ने भाजपा के पक्ष में हवा बना रखी है। लेकिन, सच्चाई यह है कि आगामी विस चुनाव में भाजपा दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पायेगी। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा ने बंगाल चुनाव में दहाई का आंकड़ा पार कर लिया, तो वह अपना काम छोड़ देंगे। वहीं, आगे पीके ने कहा है कि आपलोग इस ट्वीट को सेव कर लें। यदि भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन किया, तो मैं अपना काम छोड़ दूंगा।

बंगाल में भाजपा की सुनामी, देश को खोना पड़ेगा एक चुनाव रणनीतिकार : कैलाश विजयवर्गीय

बंगाल विस चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करने वाले तृणमूल के चुनावी रणनीतिकार पीके के ट्वीट के बाद ट्विटर पर जंग छिड़ गयी। भाजपा नेताओं ने उनकी आलोचना की। पीके के बयान पर बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस वक्त राज्य में भाजपा की सुनामी चल रही है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर कटाक्ष भी किया। कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा की बंगाल में जो सुनामी चल रही है, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।

* विस चुनाव के बाद न रहेगा सांप (तृणमूल) न बजेगी (पीके की) बांसुरी : बाबुल सुप्रियो

वहीं, पीके के बयान पर केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि चुनाव के बाद एक अच्छी चीज होने वाली है, न रहेगा सांप (तृणमूल) न बजेगी (पीके की) बांसुरी। इस दिन, केंद्रीय मंत्री ने पीके पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि मैं बहुत खुश हूं कि ऐसे ‘बयान’ दे सकने वाला एक ‘विशेषज्ञ’ तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहा है। वह किस दुनिया में हैं, तृणमूल उन्हें क्या खिलाती है, 2021 में एक अच्छी चीज होने वाली है, न रहेगा सांप, न बजेगी बांसुरी।

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