टीटागढ़ में फंसे बिहारी मजदूरों ने लगायी गुहार,वृद्ध माता-पिता को है हमारा इंतजार, घर पहुंचना बहुत जरुरी

कोलकाता, समाज्ञा : कोरोना वायरस ने हमें हमारे अपनों से दूर कर दिया है। हम चाह कर भी अपने परिवार के पास नहीं लौट पर रहे हैं। हमें खाने-पीने के सामानों की कोई समस्या नहीं है, लेकिन हमें अपने घर की याद सता रही है। मां/ बहन के हाथों का बना खाये महीनों बित गये हैं। हम अब बस किसी प्रकार से घर जाना चाहते हैं। उक्त बातें राज्य में रेड जोन बने उत्तर 24 परगना जिले में मजदूरी करने आये बिहार के मजदूरों के दर्द को बयां कर रही है। बिहार के सारण जिले के सोनपुर के निवासी विकास कुमार पश्चिम बंगाल के टीटागढ़ में मजदूरी करने आये थे किन्तु अचानक हुए लॉक डाउन ने सब कुछ बदल कर रख दिया है।

  परिवार की चिंता सता रही है

विकास का कहना है कि हम होली से पहले ही टीटागढ़ में मजदूरी करने आये थे। फिर कुछ दिनों के लिए वापस घर गये थे। होली पर अधिक दिनों की छुट्टी नहीं मिलने के कारण जल्दी ही काम पर वापस आ जाना पड़ा था। हम लॉकडाउन शुरू होने के 5 दिन पहले यानी जनता कर्फ्यू से भी पहले टीटागढ़ आये थे। इसके बाद से यहीं फंस कर रह गये हैं। परिवार में वृद्ध माता-पिता तथा अन्य सदस्य हैं, जो हमारे लिए चिंतित हैं और जिनकी चिंता हमें सता रही है। माता-पिता बिमार हैं और वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए वे घबरा रहे हैं। हमारा घर जाना बहुत जरूरी है। विकास कुमार ने बताया कि टीटागढ़ में बिहार के कुल 3 मजदूर फंसे हुए हैं, जो जल्द से जल्द वापस घर जाना चाहते हैं।*

सरकार से मदद नहीं मिलने का आरोप

विकास कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि खाने-पीने की चीजों के लिए सरकार की तरफ से अभी तक कोई सहायता नहीं मिल पाया है। ना तो पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोई मदद मिली है और ना ही बिहार सरकार की तरफ से सहायता का कोई हाथ बढ़ाया गया है। हमें खुद से खरीद कर भोजन की व्यवस्था करनी पड़ रही है। दूसरे राज्यों में मजदूरी के लिए जाने वाले हमारे दोस्तों तथा रिश्तेदारों से पता चला कि प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने राज्यों में वापस लौटाने के लिए भारतीय रेलवे विशेष ट्रेनों को चलाने वाली हैं। इसलिए थाना और कई स्थानों पर मुहल्लों में जाकर भी फॉर्म भरवाकर प्रवासी मजदूरों की सारी जानकारियां प्राप्त की जा रही है। किन्तु हमें अभी तक यह जानकारी ही नहीं मिल पायी है कि हम किससे संपर्क करके अपनी समस्याओं के बारे में बताएं। हम चाहते हैं कि दोनों राज्यों में से कोई सरकार हमारी मदद के लिए आगे आये और हम किसी भी प्रकार से अपने घर वापस जा सकें।

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