फूंका राहुल गांधी का पुतला
कोलकाता : भाजपा के युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर शनिवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे पर ‘झूठ’ फैलाने को लेकर कांग्रेस और इसके नेता राहुल गांधी द्वारा ‘माफी’ मांगे जाने की मांग की। ये प्रदर्शन इस विषय पर भाजपा के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने की योजना के तहत किये गये। राज्य में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के एक नेता ने बताया कि मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में मौलाली से विधानभवन तक रैली निकाली और लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए राफेल सौदे पर ‘झूठ फैलाने और दुष्प्रचार’ करने को लेकर राहुल गांधी के पुतले फूंके। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने मांग की कि राहुल गांधी इसके लिए माफी मांगे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस बीच, मुंबई से प्राप्त एक खबर के मुताबिक महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राहुल के आरोपों ने देश को बदनाम किया है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (राहुल और कांग्रेस) केवल अपने निजी हित के लिए भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शर्मिंदा करने की कोशिश की, जिन्होंने दुनिया भर में देश को गौरवपूर्ण स्थान दिलाया है। जबकि उन्होंने (राहुल और कांग्रेस) दुनिया में भारत को बदनाम किया।’ उन्होंने कहा, ‘केवल न्यायालय के समक्ष माफी मांगना काफी नहीं होगा। राहुल और कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।’ प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को ‘चोर’ कहते हुए नारेबाजी की। उधर से कांग्रेस ने दावा किया है कि विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधान भवन के सिक्योरिटी गार्ड 70 वर्षीय अब्दुल जब्बार के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की है। यह भी आरोप है कि यहां स्थापित पूर्व मुख्यमंत्री विधान चंद्र रॉय की प्रतिमा पर कालिख पोती गई, राहुल गांधी की तस्वीर पर कालिख फैंकी गई, कांग्रेस का फ्लेक्स फाड़ दिया गया। दावा है कि वहां सुरक्षा में तैनात रहने वाले पुलिसकर्मियों की वर्दी पर भी कालिख फेंकी गई है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने मोदी पर निशाना साधते हुए कई बार ‘चौकीदार चोर है’ कहा था। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने बार-बार राफेल सौदे का मुद्दा उठाया था और इस पर सवाल खड़े किए थे। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने भारतीय वायुसेना के लिये फ्रांस की कंपनी दसाल्ट एविऐशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद के मामले में बृहस्पतिवार को मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दिया। शीर्ष न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मामले में 14 दिसंबर, 2018 के निर्णय पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकायें भी खारिज कर दी।