कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को जादवपुर विश्वविद्यालय में सोमवार को छात्रों के एक समूह द्वारा काले झंडे दिखाए गए। धनखड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के तौर पर वहां एक बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे। छात्रों ने उनकी कार को घेर लिया और “वापस जाओ” के नारे लगाए। शोरगुल के बीच धनखड़ करीब 45 मिनट तक वहां फंसे रहे जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें वहां से निकालकर बैठक स्थल निकालकर बैठक स्थल तक पहुंचाया। धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा था, “ जादवपुर विश्वविद्यालय के नौवें कोर्ट की 10वीं बैठक की कुलाधिपति के तौर पर अध्यक्षता करूंगा जो 23 दिसंबर 2019 को दोपहर बाद दो बजे विश्वविद्यालय के कमेटी रुम संख्या 1 में निर्धारित है।” विश्वविद्यालय कोर्ट एक शीर्ष प्राधिकार है जिसके पास शैक्षणिक और कार्यकारी परिषद के फैसलों की समीक्षा का अधिकार होता है। विश्वविद्यालय ने इससे पहले विशेष दीक्षांत समारोह को रद्द कर दिया था जिसमें जादवपुर को कुछ प्रमुख लोगों को डि. लिट और डी.एससी की उपाधि देनी थी। यह 24 दिसंबर को निर्धारित था। जाधवपुर विश्वविद्यालय ने कहा कि वह इसके बजाए एक साधारण समारोह आयोजित करेगा जहां सिर्फ छात्रों को उपाधि और प्रमाण-पत्र दिये जाएंगे। वामपंथी छात्र संघों का कहना है कि राज्यपाल “संस्थान की स्वायत्तता में अवांछित हस्तक्षेप” कर रहे थे। तक पहुंचाया। धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा था, “ जादवपुर विश्वविद्यालय के नौवें कोर्ट की 10वीं बैठक की कुलाधिपति के तौर पर अध्यक्षता करूंगा जो 23 दिसंबर 2019 को दोपहर बाद दो बजे विश्वविद्यालय के कमेटी रुम संख्या 1 में निर्धारित है।” विश्वविद्यालय कोर्ट एक शीर्ष प्राधिकार है जिसके पास शैक्षणिक और कार्यकारी परिषद के फैसलों की समीक्षा का अधिकार होता है। विश्वविद्यालय ने इससे पहले विशेष दीक्षांत समारोह को रद्द कर दिया था जिसमें धनखड़ को कुछ प्रमुख लोगों को डि. लिट और डी.एससी की उपाधि देनी थी। यह 24 दिसंबर को निर्धारित था। जादवपुर विश्वविद्यालय ने कहा कि वह इसके बजाए एक साधारण समारोह आयोजित करेगा जहां सिर्फ छात्रों को उपाधि और प्रमाण-पत्र दिये जाएंगे। वामपंथी छात्र संघों का कहना है कि राज्यपाल “संस्थान की स्वायत्तता में अवांछित हस्तक्षेप” कर रहे थे।
जादवपुर विश्वविद्यालय में राज्यपाल को दिखाए गए काले झंडे
