पिछले 5 दिनों से अंतिम संस्कार की राह ताक रहा है शव !

तीन अस्पताल ने लौटाया, मेडिकल पहुंचने पर वृद्धा ने तोड़ा दम, अब शव को सौंपने का कार्य अधर में

कोरोना के लक्षण थे वृद्धा के, पर शव का नहीं हुआ है टेस्ट
पति और बेटी के कोरोना टेस्ट के बिना शव सौंपने को लेकर ऊहापोह की स्थिति में पुलिस
टेस्ट रिपोर्ट के बाद लिया जाएगा फैसला

बबीता माली
कोलकाता, समाज्ञा :
कोरोना काल में मरना भी धरती पर नरक भोगने से कुछ कम नहीं है। कोरोना के इस माहौल ने मृतकों को भी वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है। जी हां, ऐसी ही स्थिति सामने आ रही है। अन्तिम संस्कार के लिए एक शव को ही इंतजार करना पड़ रहा। मगर यह स्थिति उस परिवार के लिए कितनी पीड़ादायी है जिसने अपनी पत्नी को खोया, जिसने अपनी मां को खोया, लेकिन कोरोना के संदेह में ना अंतिम दर्शन ही कर पाया और ना ही अंतिम संस्कार ही कर पाने में सक्षम हो रहा है। घटना बांसद्रोणी थानांतर्गत सत्येन्द्र पल्ली स्थित एक परिवार में घटी है। पत्नी का शव मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मार्ग में पड़ा हुआ है लेकिन पिछले ५ दिनों से शव को लेने और सौंपने की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। इसका कारण है कोरोना का संदेह है। पत्नी का कोरोना टेस्ट तो नहीं हुआ लेकिन मौत के बाद संदेह के आधार पर पति और बेटी होम आइसोलेशन में चले गए है। ऐसी परिस्थिति में शव को सौंपने को लेकर पुलिस भी ऊहापोह की स्थिति में है।

क्या है मामला
सूत्रों ने बताया कि ५४ वर्षीया वृद्धा को सांस की बीमारी थी। गत २० जुलाई को उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई तो उसके परिजन उसे लेकर अस्पताल गए। अब अस्पताल की हालत अभी क्या है, वह किसी से छुपी नहीं है। बेड खाली नहीं होने से वृद्धा को एमआर बांगड़, शंभूनाथ पंडित अस्पताल और फिर चितरंजन नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने भी लौटा दिया। अंत में उसे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ले जाया गया। वहां किसी तरह उसे डॉक्टर ने देखा लेकिन तब तक वृद्धा ने दम तोड़ दिया था। डॉक्टरों ने अस्पताल लाने पर वृद्धा को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद ही शव को अस्पताल के मार्ग में रख दिया गया। अस्पताल को इंक्वायरी रिपोर्ट का इंतजार है यानी शव को किसे सौंपना है उसकी कागजात मिलते ही अस्पताल भी अपनी तरफ से प्रक्रिया शुरू करेगा।

शव को ५ दिनों से परिजनों के पास जाने के लिए करना पड़ रहा है इंतजार
सूत्रों ने बताया कि वृद्धा के शव को सौंपने के लिए स्थानीय थाने बांसद्रोणी थाने की पुलिस ने प्रक्रिया शुरू की। इसी दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ। दरसअल, २१ जुलाई को अस्पताल की तरफ से थाने को इंक्वायरी रिपोर्ट भेजने के लिए चिट्ठी भेजी गई। इसके बाद पुलिस ने मृतका के पति से संपर्क किया। गत २२ जुलाई को मृतका के पति ने बताया कि वह और उसकी बेटी अभी होम आइसोलेशन में है क्योंकि उसकी पत्नी को कोरोना के लक्षण थे लेकिन उसका टेस्ट नहीं हुआ। इस बाबत संदेह के आधार पर उसने खुद को और बेटी को होम आइसोलेशन में रखा है और कोरोना टेस्ट के लिए आवेदन किया है। २४ जुलाई को कोरोना टेस्ट किया जाएगा। यह जानने के बाद अब पुलिस भी परेशान हो गई कि शव को कैसे और किसे सौंपा जाए। बस इसी ऊहापोह की स्थिति में शव को मार्ग में इंतजार करना पड़ रहा है।

रिपोर्ट आने पर ही तय होगी आगे की प्रक्रिया
सूत्रों का कहना है कि २४ जुलाई यानी शुक्रवार को मृतका के पति और बेटी का कोरोना टेस्ट किया गया है। वहीं पुलिस भी अभी टेस्ट रिपोर्ट पर ही निर्भर रहना चाहती है। दरअसल, सूत्रों का कहना है कि अगर बिना टेस्ट रिपोर्ट के हाथ में आए शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा तो इससे दो थाने यानी बांसद्रोणी और बऊबाजार थाने, अस्पताल का मार्ग और श्मशान घाट तथा अंतिम संस्कार में शामिल लोग खतरे के दायरे में आ जाएंगे। मसलन,अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करने के बाद रिपोर्ट अगर पॉजिटिव आती है तो इसका खामियाजा काफी लोगों को भुगतना पड़ेगा। फिलहाल, पुलिस की तरफ से इंक्वायरी रिपोर्ट दी जा रही है। शव को सौंपने के लिए टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उनकी टेस्ट रिपोर्ट ही शव का भी भविष्य तय करेगी।

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