बेंगलुरु : कर्नाटक में जेडीयू-कांग्रेस गठबंधन की एच. डी. कुमारस्वामी सरकार के गिरने के 2 दिन बाद बीजेपी नेता बी. एस. येदियुरप्पा ने शुक्रवार की शाम को चौथी बार सूबे के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें राजभवन में एक सादे समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। येदियुरप्पा को 31 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। येदियुरप्पा ने अकेले शपथ ली यानी किसी को मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई गई। पिछली बार येदियुरप्पा सिर्फ 2 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे थे और सदन में बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। दरअसल 2018 के कर्नाटक विधानसभा के नतीजों के बाद बीजेपी 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई 2018 को सीएम पद की शपथ ली और दावा किया कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। मगर 19 मई को बहुमत परीक्षण से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर एच. डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार का गठन किया, जो 14 महीने ही चल पाई। कर्नाटक विधानसभा में 1 नामित सदस्य समेत कुल 225 विधायक हैं। इनमें से एक निर्दलीय समेत कांग्रेस के 2 बागी विधायकों को स्पीकर के. आर. रमेश कुमार ने गुरुवार को अयोग्य ठहरा दिया। इस तरह फिलहाल विधानसभा की स्ट्रेंथ 222 है। अभी कांग्रेस-जेडीएस के 14 बागी विधायकों के इस्तीफे या उन्हें अयोग्य ठहराए जाने को लेकर स्पीकर ने कोई फैसला नहीं किया है। इस तरह फिलहाल सदन में बहुमत का आंकड़ा 111+1 यानी 112 है। हालांकि, कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों के सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की उम्मीद कम ही है। इस तरह, उनकी अनुपस्थिति में विधानसभा की स्ट्रेंथ 208 होगी और तब बहुमत के लिए 105 सीटों की जरूरत होगी। बीजेपी के 105 विधायक हैं। 2 निर्दलीय विधायकों का भी उसे समर्थन हासिल है। ऐसे में येदियुरप्पा सरकार के आसानी से बहुमत साबित करने की संभावना है।
बी. एस. येदियुरप्पा ने चौथी बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
