दुर्गा पूजा में दिखाएंगी अपना हुनर
कोलकाता : दुर्गा पूजा के दौरान हर बंगाली की सुबह की ढाक की आवाज के साथ शुरू होती है। पश्चिम बंगाल के हर बड़े रेलवे स्टेशन पर इस समय आपको सैकड़ों ढाकिए और ड्रम बजाने वाले बाहर खड़े दिख जाएंगे। दुर्गा पूजा के सेलिब्रेशन के दौरान ढाकी एक पंडाल से दूसरे पंडाल जाते रहते हैं। पिछले कुछ सालों से महिलाओं ने भी इस पेशे में अपनी जगह बना ली है। इतना ही नहीं, इस बार उन्हें लंदन के लिए बुलावा भी आया है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के निवासी गोकुल चंद्र दास की टीम में 60 महिला ढाकी हैं। उन्होंने मोतिलाल.ढाकी.कॉम बनाया है जिसमें सभी महिला सदस्य ही हैं। इस दुर्गा पूजा में महिला ढाकी बैंड की सदस्य सोंगिता दास, पूजा बिस्वास, उमा दास को लंदन के लिए बुलावा आया है। अगर सबकुछ ठीक रहता है और उनका वीजा तैयार हो जाता है तो महिला ढाकी सदस्य तंजानिया भी जाएंगी।
महिला ढाकी अपनी पेशेवर सफलता से काफी खुश हैं। हर शाम महिलाएं गोकुल के घर में ही एक घंटे तक प्रैक्टिस करती हैं। गोकुल चंद्र दास ने सबसे पहले परिवार की महिलाओं को ढाकी सिखाना शुरू किया और अब उनसे से करीब 70 लोग ट्रूप में है। यह समूह धीरे-धीरे फलने-फूलने लगा और अब ढाक बजाने के लिए विदेशों में भी बुलाया जाने लगा है। विदेशो में पूजा आयोजकों ने बैंड की जिम्मेदारी ली है और लंदन जाने वाले बैंड के लिए करीब 2 लाख रुपये सुनिश्चित किए हैं।