कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस को मात दे चुके कुछ मरीज अब संक्रमितों के इलाज में मदद के लिए आगे आए हैं। ये सभी राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों के ‘पैसिव इम्युनाइजेशन’ के क्लिनिकल ट्रायल्स को मंजूरी देने के बाद सामने आए हैं।
कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की इस विधि में स्वस्थ हो चुके मरीजों के ब्लड प्लाज्मा में एंटीबॉडी के इस्तेमाल के जरिए पैसिव इम्युनाइजेशन किया जाता है। इस विधि के आगे आए सभी लोग अभी इलाज के बाद होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मानकों के सही रहने पर वे रिसर्च प्रॉसेस में सहायता करेंगे।
आगे आए कोरोना से स्वस्थ हो चुके लोग
हावड़ा निवासी 23 वर्षीय मोनामी बिस्वास ने कहा, ‘मैंने इस शुरुआत के बारे में पढ़ा है और दूसरों की जिंदगी को बचाने के लिए ब्लड प्लाज्मा देने को तैयार हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसा काम करने का अवसर मिल रहा है।’ स्कॉटलैंड में पढ़ाई करने वाली मोनामी पश्चिम बंगाल में कोरोना के सबसे पहले मामलों में से थीं। 31 मार्च को हॉस्पिटल से रिलीज होने के बाद से वह घर में क्वारंटीन हैं।
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