‘चक्का जाम’ आंदोलन का पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में दिखा काफी असर, अन्य राज्यों में भी हुए प्रदर्शन

नयी दिल्ली/चंडीगढ़, छह फरवरी (भाषा) केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों के तीन घंटे के ‘चक्का जाम’ के आह्वान पर शनिवार को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कई प्रमुख सड़कों को प्रदर्शनकारी किसानों ने अवरूद्ध कर दिया। वहीं, अन्य राज्यों में भी छिटपुट प्रदर्शन हुए।
किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को ऐलान किया कि दिल्ली की सीमाओं पर उनका (किसानों का) प्रदर्शन दो अक्टूबर तक जारी रहेगा और आंदोलन के दौरान हर गांव से संपर्क करने की कोशिश की जाएगी।
दिल्ली में करीब 50 प्रदर्शनकारियों को शहीदी पार्क में हिरासत में लिया गया। वहीं, दिल्ली की सीमाओं–सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर–पर प्रदर्शन स्थलों तथा उससे लगे इलाकों में 24 घंटे के लिए शनिवार रात तक इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। इसके अलावा, दिल्ली मेट्रो के 10 प्रमुख स्टेशनों पर प्रवेश एवं निकास की सुविधाएं भी बंद कर दी गईं।
अन्य राज्यों में सड़कों को अवरूद्ध करने को लेकर दर्जनों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने कुछ देर के लिए हिरासत में लिया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को कहा था कि किसान दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर अन्य स्थानों पर शनिवार को दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गों एवं स्टेट हाईवे को तीन घंटे के लिए बाधित करेंगे।
टिकैत ने दावा किया कि इस बारे में सूचना मिली थी कि कुछ शरारती तत्व ‘चक्का जाम’ के दौरान शांति व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश करेंगे।


भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत (51) ने कहा, ‘‘ऐसी सूचना मिलने के बाद हमने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं करने का फैसला किया। ’’
प्रदर्शनकारियों ने महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी सड़कें अवरूद्ध कीं।
हालांकि, कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है।
पंजाब और हरियाणा में किसानों ने सड़कों के बीचों बीच अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियां खड़ी कर दीं और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।


उन्होंने चंडीगढ़-जीरकपुर, अमृतसर-पठानकोट, तरन तारन-कपूरथला, फिरोजपुर-फाजिल्का, मुक्तसर-कोटकपुरा, बठिंडा-चंडीगढ़, लुधियाना-जालंधर, पंचकूला-पिंजौर, पटियाला-कैथल, जींद-करनाल, करनाल-कैथल, अंबाला-चंडीगढ़, अंबाला-हिसार और मानसा-सिरसा समेत कई राजमार्गों को प्रदर्शनकारी किसानों ने जाम कर दिया।
दिल्ली में और अन्य स्थानों पर अधिकारियों ने शनिवार को निगरानी बढ़ा दी। गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर ऐसा किया गया।
राजस्थान में किसानों ने कई जगहों पर ‘चक्का जाम’ किया। उन्होंने राज्य के गंगानगर, हनुमानगढ़, धौलपुर व झालावाड़ सहित कई जगहों पर सड़कें अवरूद्ध कर दीं।
कांग्रेस और वाम दलों ने भी कुछ राज्यों में चक्का जाम का समर्थन किया।

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