मुख्यमंत्री ने किया जय हिन्द ब्रिज का उद्धाटन

कोलकाता : काफी इंतजार के बाद आज वह दिन आया जिसका खासतौर पर दक्षिण कोलकाता के लोग इंतजार कर रहें थें। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज शाम को हादसे में ध्वस्त हो चुके माझेरहाट ब्रिज का उद्धाटन किया व इस इसका नाम जयहिन्द ब्रिज रखा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज ब्रिज के उद्धाटन कार्यक्रम में जहां इस योजना को लेकर उत्पन्न बाधाओं को लेकर अपना दर्द बयां किया तो वहीं उन्होंने पुल के निर्माण में व्यापक स्तर पर रेलवे पर असहयोग का आरोप लगाते हुए अपने उद्घाटन भाषण में रेलवे को भी फटकार लगाई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पुल बनाने की पूरी जिम्मेदारी रेलवे की थी तो राज्य से 34 हजार करोड़ का कोटा क्यों लिया गया? ऐसे में मुख्यमंत्री ने उक्त पैसे लौटाने की भी मांग की।सीएम ममता ने कहा कि इस पुल का नाम नेता जी पर रखकर मैने नेताजी को राज्य की ओर से सम्मान दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि “हम सब कुछ करेंगे और काम का श्रेय रेलवे लेने की कोशिश करेगा?” यह बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अगर ऐसा ही बात थी तो फिर रेल इतनी दिनों तक पुल का काम क्यों नहीं कर रही थी? ” सीएम ममता ने वित्तीय मुद्दों पर रेलवे के प्रति अपनी नाराजगी भी व्यक्त की। उन्होंने पुल के निर्माण में राज्य के योगदान और वित्तीय लागत का हवाला देते हुए रेलवे से राज्य द्वारा लिए गए धन को वापस करने की मांग की।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भाषण में आम जनता से पुल की स्वच्छता बनाए रखने ही नहीं नियमों का पालन करने, बिना हेलमेट के बाइक न चलाने के लिए कई अपीलें की। ममता बनर्जी ने एक बार फिर महानगर कोलकाता में बनाए जा रहे पुलों की संख्या का उल्लेख करते हुए बताया कि शहर के विभिन्न हिस्सों के बीच संचार के लिए फ्लाईओवर हैं कितने उपयोगी है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जब तृणमूल की सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने पाया कि राज्य के पुलों का कोई आडिट ही नहीं हुआ है। लेकिन हमने पुलों का आडिट करवाया।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसी का नाम लिये बगैर ही कहा कि वैसे वह पुल निर्माण मामले में हुए विलम्ब के लिये रेल के अधिकारियों का दोष भी नहीं देना चाहती हूं। कारण मुझे पता है कि दोष इन अधिकारियों का नहीं है बरन उनका है जो दिल्ली में बैठकर अपनी उंगलियों के इशारों से व्यवस्था को चलाते हैं। सीएम ने एक तरह से यह बताने की इशारों में कोशिश किया कि दिल्ली में बैठे कुछ लोगों के कारण ब्रिज निर्माण में देर हुई।

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