नई दिल्ली : कांग्रेस
ने जम्मू-कश्मीर खासकर घाटी के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए ‘अमरनाथ यात्रा रोकने’ और पर्यटकों के वापस लौटने के लिए जारी की अडवाइजरी
के फैसले की निंदा की है। पार्टी ने यह भी ऐलान किया है कि वह इस मुद्दे को संसद
के दोनों सदनों में उठाएगी और प्रधानमंत्री मोदी से जवाब की मांग करेगी। कांग्रेस
ने भारत सरकार पर 30 साल बाद कश्मीर में डर का माहौल फैलाने का आरोप लगाया
है और कहा है कि इससे 1990 के दशक की यादें ताजा हो गई हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ
नेताओं ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को आगाह किया कि वह घाटी में
किसी तरह के ‘मिसऐडवेंचर की कोशिश’ न करे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुलाम नबी आजाद, पूर्व
गृह मंत्री पी. चिदंबरम, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रभारी अंबिका सोनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और डॉक्टर कर्ण सिंह शामिल थे। कांग्रेस
नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज तक किसी
भी सरकार ने इस तरह की अडवाइजरी जारी नहीं की। साल 2000 में
आतंकी हमलों में 89 तीर्थयात्री और आम नागरिक मारे गए थे फिर भी अमरनाथ
यात्रा नहीं रोकी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती और
अडवाइजरी के जरिए भारत सरकार डर का माहौल बना रही है।
कांग्रेस ने भारत सरकार पर 30 साल बाद कश्मीर में डर का माहौल फैलाने का लगाया आरोप
