जादवपुर विश्वविद्यालय के गणितीय अनुसंधान में लगाया गया पूर्वानुमान
अगले वर्ष तक भारत में कुल संक्रमितों की संख्या होगी 26 लाख
देश से पहले बंगाल में नियंत्रित होगा कोरोना संक्रमण
कोलकाता, समाज्ञा : प्रत्येक गुजरते दिन के साथ ही देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में प्रतिदिन देश भर में करीब 11 हजार लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। देश में कब यह अपने कर्व पर पहुंचेगा और कब भारत कोरोना मुक्त हो सकेगा, इन सवालों का जवाब गणितीय पद्धति से अनुसंधान कर जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) द्वारा ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक हुई गणना के आधार पर माना जा रहा है कि वर्ष 2021 के फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च माह के पहले सप्ताह में भारत में कोविड-19 नियंत्रण में आ सकेगा। अंदाजा लगाया जा रहा है कि उस समय तक देशभर में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 26 लाख से अधिक हो जाएगी। हालांकि जेयू के गणितीय अनुसंधान में पता चला है कि कोरोना संक्रमण देश में नियंत्रण में आने से पहले पश्चिम बंगाल में ही नियंत्रण में आ जाएगा। बताया जाता है कि उस समय तक राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या करीब 60 हजार हो सकती है। कोरोना से मुकाबले के लिए केन्द्र सरकार की डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अधीनस्थ साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड गणितीक अनुसंधान करने का आह्वान किया था। जेयू के अध्यापक और गणित विभागाधीन सेंटर फॉर मैथेमेटिकल बायोलॉजी एंड इकोनॉमी के को-ऑर्डिनेटर नंददुलाल बैरागी ने प्रस्तावना भेजी थी। उन्होंने बताया कि दो गणितीक मॉडल के आधार पर ही यह अनुसंधान किया जा रहा है। इनमें से एसईआईआर (सस्पेक्टेबल एक्सपोज इनफेक्ट रिकॉवर्ड) मॉडल और स्टॉकैस्टिक मॉडल। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से भी अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दोनों पद्धति से हमें एक ही रिजल्ट मिल रहा है।
* अनुसंधान का पहला और दूसरा चरण :
अनुसंधान के पहले चरण में नंददुलाल बैरागी ने बताया कि प्रत्येक महामारी/अतिमारी का एक एपिडेमिक कर्व का शिखर होता है, जब संक्रमितों की संख्या सर्वाधिक होती है। शिखर पर पहुंचने के बाद ही संक्रमितों की संख्या घटने लगती है। पहले चरण के अनुसंधान में कहा गया था कि भारत में कोरोना संक्रमण जून माह के पहले सप्ताह में अपने एपिडेमिक कर्व के शिखर पर पहुंच सकता है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से इसके नियंत्रण में आने की बात बतायी गयी थी। दूसरे चरण के अनुसंधान के बाद नंददुलाल बैरागी ने बताया कि भारत में कोरोना संक्रमण अपने एपिडेमिक कर्व के शिखर पर जुलाई के दूसरे सप्ताह में पहुंचने की संभावना है।
क्या कहना है अनुसंधानकर्ता का:
अनुसंधानकर्ता नंददुलाल बैरागी ने बताया कि पहले चरण में जून माह में एपिडेमिक कर्व के शिखर पर पहुंचने का पता चला था, किन्तु उसके बाद परिस्थितियों में भी कई बदलाव आए जिस वजह से कोरोना वायरस के भारत में भविष्य में भी बदलाव आये। गत 1 जून से देशभर में अनलॉक वन शुरू किया गया है। 8 जून के बाद से देश में कई छूट भी दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन बदलावों के कारण ही अब संभावना जतायी जा रही है कि भारत में जुलाई के तीसरे सप्ताह में यह संक्रमण अपने शिखर पर पहुंचेगा। उस समय प्रतिदिन 18 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं। वर्तमान में यह संख्या 10-11 हजार प्रतिदिन है। जून माह के अंतिम सप्ताह में यह संख्या 15 हजार के पार पहुंच सकता है। वर्तमान परिस्थिति के आधार पर पता चल रहा है कि वर्ष 2021 के फरवरी माह के अंत या मार्च की शुरुआत में कोरोना वायरस नियंत्रण में आ सकता है। अक्टूबर 2020 में कुल संक्रमितों की संख्या 13 लाख होने वाली थी जो मार्च में बढ़कर 26 लाख हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत में परिस्थिति और बिगड़ रही है। हालांकि उन्होंने एक अच्छी खबर देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण जुलाई के दूसरे सप्ताह में अपने एपिडेमिक शिखर पर पहुंचेगा। चेन्नई, मुंबई और दिल्ली की तुलना में कोलकाता बेहतर स्थान पर है। नवंबर के अंतिम और दिसंबर के पहले सप्ताह में कोविड-19 नियंत्रण में आ सकता है। राज्य में उस समय तक कुल संक्रमितों की संख्या करीब 60 हजार होगी। नंद दुलाल बैरागी ने कहा कि अनलॉक वन के आधार पर ही हम पूर्वानुमान लगा रहे हैं।