कोलकाता : एनआईए की विशेष अदालत ने बांग्लादेश से तस्करी कर लाई गई जाली भारतीय मुद्रा को भारत में खपाने के दोषी दो लोगों को छह साल के कारावास की सजा सुनायी है। पश्चिम बंगाल के मालदह जिले के निवासी नासिर शेख और ताजेल एसके को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 489-बी और 489-सी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 16, 18 और 20 के तहत दोषी करार दिया गया। कोलकाता में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शेख पर 10,000 रुपये और ताजेल पर 8,000 रुपये जुर्माना भी लगाया। पश्चिम बंगाल के वैष्णवनगर थाने की एक टीम ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टीम के साथ 30 मार्च 2016 को मालदह के सुखदेवपुर में भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट शेख के पास 9, 80,000 रुपये की जाली मुद्रा की थी। यह धनराशि 1,000 और 500 रुपये के नोटों में थी। इसके अगले दिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद वैष्णवनगर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। बाद में एनआईए ने मामले को अपने हाथों में ले लिया। जांच पूरी होने के बाद एनआईए ने तीन आरोपियों, शेख, ताजेल और दारुल हुदा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। शेख और ताजेल दोषी पाये गए। तीसरा आरोपी हुदा बांग्लादेशी है और वह फरार है। जांच में सामने आया कि भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिये बांग्लादेश से तस्करी कर लाई गई जाली मुद्रा को देश के अन्य भागों में भी खपाया जाना था।
जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी: दो लोगों को छह साल की जेल
