कोलकाता के 14 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 एंटीबॉडी मौजूद- आईसीएमआर

आईसीएमआर के सीरम-जांच सर्वेक्षण में खुलासा :
कोलकाता : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुंसधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किए गए ‘सीरोप्रीवेलेंस’ सर्वेक्षण में मुताबिक कोलकाता के 14 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 के एंडीबॉडी विकसित हो चुके हैं।
सीरोप्रीवेलेंस सर्वेक्षण में लोगों का त्वरित जांच कर उनमें मौजूद आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी का पता लगाया जााता है जिससे पता चलता है कि समुदाय में संक्रमण का स्तर क्या है और क्या उनमें वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही है।
आईसीएमआर ने यह सर्वेक्षण यादृच्छिक नमूने के आधार पर किया है और नमूनों की संख्या की जानकारी नहीं दी गई है।
वरिष्ठ डॉक्टरों के मुताबिक सर्वेक्षण इंगित करता है कि महानगर में संक्रमण की दर बहुत अधिक है और कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए प्रतिरोधक क्षमता एवं एंटीबॉडी विकास अब भी नहीं हो रहा है।
सर्वेक्षण के मुताबिक पड़ोसी दक्षिण 24 परगना जिले में एंटीबॉडी विकसित होने की दर 2.5 प्रतिशत है जबकि अलीपुरद्वार जिले में यह दर एक प्रतिशत है।
सर्वेक्षण के मुताबिक पूर्वी मिदनापुर, बांकुड़ा और झारग्राम जिले में एंटीबॉडी जांच में एक प्रतिशत से भी कम नमूनों के नतीजे पॉजिटिव आए।
उल्लेखनीय है कि एंटीबॉडी रक्षात्मक प्रोटीन होता है जो प्रतिरोधक प्रणाली बाहरी संक्रमण से बचाने के लिए बनाती है। इस मामले में बाहरी संक्रमण कोरोना वायरस है।

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