हावड़ा, समाज्ञा : बाली की तृणमूल विधायक वैशाली डालमिया ने सीईएससी के खिलाफ असामान्य बिल भेजने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लॉकडाउन में कई लोगों की आजीविका बंद हो गई है। इस कारण, लोगों को उम्मीद थी कि ग्राहकों को बिल की किस्त बढ़ाकर कुछ छूट दी जाएगी। लेकिन, ऐसा करने के बजाय असामान्य बिल भेजकर ग्राहकों का गला घोंटा जा रहा है। तृणमूल विधायक ने आरोप लगाया कि कुछ मामलों में सामान्य से 70 से 80 फीसदी अधिक बिल भेजे जा रहे हैं। उन्होंने शिकायत की कि कुछ मामलों में दोगुने से अधिक बिल भेजे जा रहे हैं। वैशाली ने आगे शिकायत की कि अम्फान के बाद सीईएससी की सेवा इतनी खराब थी, आम आदमी को सीईएससी के कर्मियों के हाथ और पैर पकड़कर बिजली की लाइनों को ठीक कराना पड़ा। कईयों को 8-10 दिनों के बाद भी बिजली नहीं मिली। वैशाली ने सीईएससी से अपील की है कि जिस तरह बिल देने के लिए लोगों को घर भेजा जा रहा है, ठीक उसी तरह से पीपीई कीट पहनकर लोगों को मीटर की रिडिंग के लिए घर-घर भेजा जाए। उन्होंने मांग की कि कुछ इस तरह की व्यवस्था की जाए कि ग्राहक मीटर रीडिंग जान सकें।
‘माता-पिता पर वित्तीय बोझ न डाले स्कूल’
वहीं, दूसरी ओर बाली की विधायिका वैशाली डालमिया लॉकडाउन में स्कूलों के बंद रहने के बावजूद निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से फीस वसूलने के खिलाफ मुखर हुई। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के स्कूलों से आग्रह किया कि लॉकडाउन में कइयों की रोजगार का जरिया बंद था। इस दौरान, लोग मुश्किल से परिवार चला रहे हैं। इसके अलावा, जहां स्कूल बंद है, वहां संकट के समय माता-पिता पर वित्तीय बोझ न डालें। इस समय बिजली की लागत, बस की कीमत, लैब की लागत से लेकर खेल की व्यवस्था तक का खर्च अभी नहीं लग रहा है। सलकिया स्थित सेंट जोसेफ स्कूल के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल खुलने तक उन्हें अप्रैल से स्कूल की फीस नहीं देनी होगी। इसके अलावा, सत्र फीस और अन्य शिक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की कमी की गई है। वैशाली ने उक्त स्कूल द्वारा इस तरह पहल करने के लिए अधिकारियों को धन्यवाद दिया। विधायिका की पहल से अभिभावक खुश है।