विकेटकीपिंग में जेबकतरे से ज्यादा फुर्तीले थे धोनी : शास्त्री

नयी दिल्ली: भारतीय कोच रवि शास्त्री ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले महेंद्र सिंह धोनी को भावनात्मक विदाई देते हुए उनके बारे में कहा कि वह विकेटकीपर के तौर पर काफी फुर्तीले थे और वह ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने आने वाले दिनों के लिये क्रिकेट को बदल दिया।

धोनी ने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम पेज पर, ‘‘मुझे अब रिटायर्ड समझिये’’ पोस्ट लिखकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कह दिया। शास्त्री ने दो बार के विश्व कप विजेता कप्तान की प्रशंसा अपने ही अंदाज में की।

शास्त्री ने कहा, ‘‘वह किसी से भी कम नहीं है। उसने अपना सफर जहां से शुरू किया, उसने आने वाले दिनों के लिये क्रिकेट को बदल दिया। और उसकी खूबसूरती यह है कि उसने ऐसा सभी प्रारूपों में किया। ’’

शास्त्री ने कहा, ‘‘उसकी स्टंपिंग और रन आउट करने के तरीके का मैं कायल हूं। उसके हाथ इतनी फुर्ती से काम करते थे कि वह किसी ‘जेबकतरे’ से भी ज्यादा फुर्तीला रहता था। ’’

धोनी की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि इतनी शानदार विरासत तैयार करने के बावजूद धोनी के शांत व्यक्तित्व ने उन्हें सबसे अलग बना दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘टी20 में उन्होंने विश्व कप दिलाया और कई इंडियन प्रीमियर लीग खिताब दिलाये। 50 ओवर के क्रिकेट में उन्होंने विश्व कप दिलाया। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने भारतीय टीम को विश्व रैंकिंग के शिखर पर पहुंचाया। उन्होंने 90 टेस्ट मैच खेले। ’’

शास्त्री ने कहा, ‘‘और उसने हमेशा जीवन को सहजता से लिया। खड़गपुर से लेकर भारतीय क्रिकेटर तक के दिनों तक वह हमेशा उसी पल के हिसाब से चीजें करता। संन्यास लेने के मामले में भी उसने ऐसा ही किया। ’’

पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि धोनी ने ‘नैसर्गिक’ नहीं होने के बावजूद विकेटकीपिंग में नये मानंदड स्थापित किये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *