नई दिल्ली : एक ओर अधीर रंजन चौधरी ने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला नहीं बताकर कांग्रेस की किरकिरी करवा दी तो वहीं दूसरी ओर पार्टी के एक और सांसद मनीष तिवारी के ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ टिप्पणी भी सुर्खियों में आ गई है। मनीष तिवारी ने धारा 370 के खात्मे के प्रेजिडेंशल ऑर्डर और जम्मू-कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन बिल पर लोकसभा में जारी चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि धारा 370 हटाने का फैसला सही है या गलत, यह साफ-साफ कहना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, कि ‘एक अंग्रेजी की किताब है। हर चीज काली और सफेद नहीं होती। देअर आर फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे इन बिटवीन।’ दरअसल, उनका कहना था कि काली और सफेद के बीच पचासों रंग होते हैं। यानी, हर चीज को सही या गलत नहीं ठहराया जाता है क्योंकि सही और गलत के बीच भी बहुत सी चीजें होती हैं। दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने पर कांग्रेस की क्या राय है यह स्पष्ट नहीं किया गया। उन्होंने मनीष तिवारी से कहा कि इतनी देर बात हो गई, लेकिन अभी तक कांग्रेस का रुख ही साफ नहीं हुआ है कि वह आर्टिकल 370 खत्म करने के पक्ष में है या विरोध में। उन्होंने कहा, कि ‘यह तो स्पष्ट ही नहीं किए कि धारा 370 जाने के पक्ष में कांग्रेस पार्टी है या नहीं?’ मनीष तिवारी ने इसी के जवाब में मशहूर अंग्रेजी किताब ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ की चर्चा की। उन्होंने आगे कहा, ‘बगैर जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की अनुमति के आप धारा 370 को खारिज नहीं कर सकते। अगर आप संविधान सभा को एक विधेयक के प्रावधान को विधानसभा और विधान परिषद पढ़ना चाहते हैं और वहां राष्ट्रपति शासन लगाके विधानसभा और विधान परिषद को भारत की संसद पढ़ना चाहते हैं तो यह संवैधानिक त्रासदी है।’
आर्टिकल 370 पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किया ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ का जिक्र
