दिल्लीकांड का असर : सोने के लिए घर का रास्ता भूलें, थानों में सोने की करें व्यवस्था

थानों में ही रात गुजार रहे हैं ओसी व एडिशनल ओसी

स्पेशल प्रिवेंटिभ सिक्युरिटी मेसर्स ले रही है पुलिस, सीपी ने दिया निर्देश

बबीता माली

कोलकाता : उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के मुद्दे को लेकर हिंसा की घटना के बाद कोलकाता में भी सभी पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने के साथ ही कई तरह की हिदायतें दी जा रही है। दिल्ली की हिंसा की आंच कोलकाता में ना पहुंचे और यहां पर किसी तरह की दंगा ना हो इसके लिए कोलकाता पुलिस के पुलिस कमिश्‍नर अनुज शर्मा ने सभी थानों को अलर्ट रहने के साथ ही थाने के ऑफिसर इंचार्ज (ओसी) और एडिशनल ऑफिसर इंचार्ज (एओसी) को विशेष तौर पर निर्देश दिये हैं। दिन में चौकसी के साथ ही अब रात को भी पुलिस को और ज्यादा चौकन्ना रहना पड़ेगा। इस निर्देश के अनुसार कोलकाता पुलिस के अंतर्गत 79 थानों के ओसी और एओसी में से एक ना एक को थाने में ही रात गुजारने यानी सोने के लिए कहा गया है। दरअसल, रात के वक्त थानों में ड्यूटी ऑफिसर तथा सब इंस्पेक्टर तैनात रहते हैं लेकिन दिल्ली की घटना ने कोलकाता पुलिस को और ज्यादा चौकन्ना कर दिया है। इस बाबत थानों के ओसी और एडिशनल ओसी को बारी-बारी से थाने में रात गुजारने का निर्देश दिया गया है।

सीपी ने सभी डीसी को दिया निर्देश

सूत्रों ने बताया कि सीपी ने सभी डिवीजन के डीसी को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने डिवीजन के थानों के ओसी और एडिशनल ओसी को यह निर्देश दे कि अब से वे रात को थाने में ही रुके यानी एक तरह से वे घर पर ना सोकर थाने में ही सोने की व्यवस्था करें। एक दिन ओसी थाने में रात गुजारे और एक दिन एडिशनल ओसी को थाने में रात गुजारने का निर्देश दिया गया है। मसलन बारी-बारी से राउंड द क्लॉक ओसी या एडिशनल ओसी थानों में मौजूद रहे। इस निर्देश पर अमल करना भी शुरू कर दिया गया है। इस संबंध में पुलिस सूत्रों का कहना है कि सीपी का निर्देश हर कीमत पर मान्य है। उन्होंने स्पेशल प्रिवेंटिभ सिक्युरिटी मेसर्स के तहत यह निर्देश दिया है और इस निर्देश पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। मंगलवार से इस निर्देश के अनुसार ओसी और एडिशनल ओसी कार्य कर रहे हैं।

निर्देश का हो रहा है सही पालन या नहीं, कंट्रोल रूम से हो रही है निगरानी

सीपी के निर्देश का पालन ठीक से हो रहा है या नहीं, इसके लिए लालबाजार के कंट्रोल रूम से सभी थानों के ओसी तथा एडिशनल ओसी पर नजर रखी जा  रही हैं। कंट्रोल रूम से थानों में फोन कर सूचना हासिल की जा रही है कि ओसी तथा एडिशनल ओसी थाने में है या नहीं। ड्यूटी जिनकी है, यानी ओसी या एडिशनल ओसी उन्हें हाजिरी देनी पड़ रही है।

परिस्थिति पर जल्द हो सके नियंत्रण

पुलिस सूत्रों ने बताया कि ओसी और एडिशनल ओसी के बारी-बारी से थाने में रात गुजारने को लेकर यही उद्देश्य है कि अगर कहीं पर कोई दंगा या हिंसा होती है तो तुरंत उस पर नियंत्रण करने का काम शुरू हो जाये। दरअसल, थाने के एसआई और सार्जेंट जब भी घटना घटती है तो तुरंत सीनियर को बताते है यानी वे ओसी को सूचना देते हैं फिर ओसी अपने सुपिरियर को। ऐसा करने पर समय ज्यादा लगता है। इस बाबत ही ओसी और एडिशनल ओसी को थाने में रहने को कहा गया है ताकि रात के वक्त तुरंत सीनियर अधिकारियों तक सूचना पहुंच सके।

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