कोलकाता, समाज्ञा : आजाद हिन्द फौज की महिला रेजीमेंट का हिस्सा बनी माया किस प्रकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस को देश की आजादी की लड़ाई में मदद करती है, इसे सजीव तरीके से सुनहरे पर्दे पर दिखा रही सरवरी वाघ। महाराष्ट्र के मराठी परिवार में जन्मी सरवरी एमेजॉन प्राइम वीडियो के वेबसीरीज द फॉरगॉटेन आर्मी में माया के किरदार निभा रही है। इसके अलावा रानी मुखर्जी अभिनीत फिल्म बंटी और बबली 2 से फिल्मों में भी वह डेब्यू कर रही हैं। एक मॉडल के तौर 16 साल की उम्र में अपना कॅरियर शुरू करने वाली सरवरी से समाज्ञा के संवाददाता चंदन राय से खास बातचीत हुई।
सरवरी वाघ से हुई खास बातचीत के प्रमुख अंश :
प्रश्न : सीरीज में अपने किरादार के बारे में बताइए?
उत्तर : मैं इस वेब सीरीज में माया का किरदार निभा रही हूं। माया एक फोटोग्राफर है और वह नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का भाषण सुनकर आजाद हिन्द फौज में भर्ती हो जाती है। आजाद हिन्द फौज का एक हिस्सा रानी झांसी रेजिमेंट है जहां महिलाएं कॉमबैट रेजिमेंट में थी। ये महिलाएं पुरूषों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर युद्ध पर जाने के लिए प्रशिक्षण ले रही थी।
प्रश्न : अपने किरादार को लेकर किस प्रकार तैयारियां की?
उत्तर : हम सभी लोगों को 2 हफ्तों तक प्रशिक्षण दिया गया। हमें प्रशिक्षित करने के लिए कुछ सेना को जवानों को भी बुलाया गया था जिन्होंने हमें राइफल पकड़ना, उसे चलाना और मार्च करना सिखाया। हमारी पूरी टीम ने इसका भरपूर आनंद उठाया। अगर मुझे अकेले यह करना होता तो शायद मैं थका हुआ महसूस करती। लेकिन पूरी टीम के साथ यह ट्रेनिंग करने में काफी अच्छा लगता था। शूटिंग के ब्रेक टाइम में हम सभी गेम खेलते थे।
प्रश्न : करीब खान के साथ काम करने का आपका कैसा अनुभव रहा?
उत्तर : कबीर सर, हमारे सेट पर एक सच्चे सिपाही थे। उनके कारण हम सभी मुश्किल टास्क को भी आसानी से पूरा कर लेते थे। वे कठिन से कठिन टास्क को भी हमारे लिए आसान बना देते थे। चाहे कीचड़ हो, बारिश का मौसम हो, हर सीन में वह हमें आकर सिखाते थे। कभी माइक में बोलकर वह हमें निर्देशन नहीं देते थे और वह हर समय हमारा साथ दते थे। हमने सबसे पहले कबीर सर की डॉक्यूमेंटेरी देखी थी। उससे हमें सबसे ज्यादा जानकारी मिली थी। उसमें उन्होंने खुद बोला था कि मैं यहां खड़ा हूं, नेता जी यहां खड़े थे। उस समय वह इतने भावुक हो जाते थे कि उसको देख के हम सब कर लेते थे। उनके इमोशन को देखकर हममें जोश आ जाता था।

प्रश्न : क्या आप हमेशा से ही मूवी से ही डेब्यू करना चाहती थी, या फिर कबीर खान की कहानी को सुनकर आपने हां बोला?
उत्तर : कई लोगों ने मुझसे यह सवाल किया था, लेकिन जब एक अभिनेत्री के तौर पर आप काफी संघर्ष कर रही हो तो आपको अपनी बेस्ट कहानी चयनित करनी होती है। मैंने इस किरदार को करने के बारे में कभी नहीं सोचा था, क्योंकि जब आपको कहानी के बारे में ज्यादा पता ना हो तब किरदार निभाना बहुत मुश्किल होता है। खास तौर पर जब कबीर सर निर्देशक की कुर्सी पर बैठे हो तब लगता है कि आपको केक पर एक सुंदर चेरी लगा हुआ दे दिया गया है। जब मुझे ऐसा अवसर मिलेगा मैं इसे ना नहीं कह सकती थी।
प्रश्न : इतने लंबे समय के बाद वापसी करके कैसा लग रहा?
उत्तर : 5 साल के एक लंबे अंतराल के बाद इस वेब सीरीज से वापसी करके मैं काफी खुश हूं। 2014 के बाद यह मेरा पहला प्रोजेक्ट है। मैं कोई दबाव नहीं लेना चाहती थी। लोगों को बस यह सीरीज पसंद आनी चाहिए। मैं अपने आने वाले प्रोजेक्ट पर मेहनत करना चाहती हूं।
प्रश्न : शूटिंग के दौरान किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर : थाइलैंड में इतनी ठंड होती और ऐसे में बारिश में शूटिंग करना काफी मुश्किल होता था। हम कभी-कभी हिल टॉप पर जाकर शूटिंग करते थे। शूटिंग का समय काफी कठिन था, लेकिन काफी अच्छा लगा।
प्रश्न : अपने आपको कठिन परिस्थितियों में शूटिंग के लिए मानसिक रूप से कैसे तैयार किया?
उत्तर : जब बारिश होती थी और ठंड काफी बढ़ जाती थी तब हम सोचते थे कि हमसे आज शूटिंग नहीं हो पाएगी। फिर हम सोचते थे कि हम लोग तो बस अभिनय ही कर रहे हैं, लेकिन आर्मी के जिन जवानों ने यह वास्तव में किया है उन्होंने यह कैसे किया होगा? यह सोचते हुए ही हमने सीरीज की शूटिंग पूरी कर ली।
प्रश्न : एक पीरियड ड्रामा कर रही थी। वो लम्हा कैसा था?
उत्तर : वो लम्हा काफी डरवाना था क्योंकि शूटिंग के दौरान ड्रोन शॉट भी करना होता था। कई बार सारे क्रू निकल जाते थे। एक टेक्निकल शॉट था जिसमें मैं दौड़ कर जाती हूं चारों तक बस लाशें पड़ी थी। सीरीज में वह सीन थोड़ी देर के लिए ही था लेकिन उसे फिल्माने में हमें काफी समय लग गया था।

प्रश्न : आपने अभिनय की दुनिया में कैसे कदम रखा?
उत्तर : जब मैं छोटी थी, तभी से मुझे कहीं ना कहीं परफॉर्म करना बहुत पसंद था। मैं बचपन में जब महाराष्ट्र में रहती थी तो मैं महाराष्ट्र थिएटर में काम करती थी। गर्मी की छुट्टियों में मां मुझे महाराष्ट्र थियेटर क्लास में भेज दिया करती थी। मैनें कभी नहीं सोचा था कि मैं एक अभिनेत्री बनूंगी क्योंकि मेरे परिवार में कोई भी अभिनय के क्षेत्र से नहीं था। जब मैं कॉलेज में थी तो कक्षा 11 में मै इंजीनियरिंग कर रही थी। तभी मैंने टाइम्स ऑफ इंडिया के एक विज्ञापन में हिस्सा लिया था। उसके बाद मुझे लगातार ऑडिशन के लिए कॉल आने लगे। मैंने तीन फिल्मों में सहायक निर्देशक के तौर पर काम किया है।
प्रश्न : रानी मुखर्जी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
उत्तर : हम सभी वेब सीरीज के पहले दिन से ही रानी मुखर्जी के साथ शूटिंग कर रहे थे। उनमें कमाल की एनर्जी है और काफी मजाकिया मिजाज की भी है। ऑन स्क्रीन भी वो मजाक करती थी और ऑफ स्क्रीन भी वो वैसी ही है। वो वास्तविक जीवन में भी फिल्म बंटी-बबली की बबली जैसी ही हैं।
प्रश्न : क्या दोनों प्रोजेक्ट सपने के हकीकत होने जैसा था?
उत्तर : जी हां, ये दोनों प्रोजेक्ट ही मेरे लिए सपने के हकीकत होने जैसा है।
प्रश्न : फिल्म को देखने के बाद आपको कैसा महसूस हुआ?
उत्तर : मैं सनी, रोहित, भानू, बद्री हम सभी साथ बैठ कर यह फिल्म देख रहे थे। हम सभी यह सोच रहे थे कि हमने यह कैसा कर लिया। हम एक-दूसरे को पूछ रहे थे हमें विश्वास नहीं हो रहा था कि हमने यह किया है। हमने लगातार दो महीने तक थाईलैंड में शूटिंग की थी।
प्रश्न : एक पीरियड ड्रामा करने पर कितनी संतुष्ट है?
उत्तर : मैं बहुत खुश हूं कि मुझे इतने महत्वपूर्ण किरदार के लिए चुना गया और उस किरदार को सफलता के साथ मैं निभा पायी।