नयी दिल्ली : दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ अपमाननजक आरोप वाले एक वीडियो का लिंक वैश्विक आधार पर हटाने, ब्लॉक करने या निष्क्रिय करने के निर्देश वाले आदेश को चुनौती देने के लिए बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ के समक्ष इस याचिका का उल्लेख किया गया और पीठ गुरुवार को उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए इसे सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गयी।अब इसे गुरुवार के लिए न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है।
उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश वाली पीठ ने 23 अक्टूबर को फेसबुक, गूगल, इसकी सहायक यूट्यूब तथा ट्विटर को रामदेव के खिलाफ अपमानजनक आरोपों से संबंधित वीडियो का लिंक वैश्विक आधार पर को हटाने और ब्लॉक करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा था कि केवल भारत के उपयोक्ताओं के लिए आपत्तिजनक लिंक निष्क्रिय या ब्लॉक करना काफी नहीं होगा क्योंकि यहां रहने वाले यूजर अन्य तरीकों से इस तक पहुंच बना सकते हैं।
अदालत ने कहा था कि प्रौद्योगिकी और कानून के बीच की दौड़ को खरगोश और कछुए की दौड़ कह सकते हैं जहां प्रौद्योगिकी सरपट छलांग मारती है वही कानून भी अपनी गति बनाए रखने का प्रयास करता है। अदालत ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधानों की व्याख्या इस तरह से की जानी चाहिए कि न्यायिक आदेश प्रभावी तरीके से सुनिश्चित किए जा सकें।
रामदेव के खिलाफ वीडियो का लिंक हटाने के आदेश को चुनौती देने अदालत पहुंची फेसबुक
