नयी दिल्ली : नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संघों के आंदोलन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार को नववर्ष से पहले किसानों के मुद्दे का समाधान हो जाने की उम्मीद है और उसने गतिरोध दूर करने के लिए किसानों के विभिन्न संगठनों के साथ अपनी अनौपचारिक वार्ता जारी रखी है।
तोमर ने औपचारिक वार्ता पर आंदोलनरत किसान संघों के साथ गतिरोध बने रहने के बीच यह कहा, जिन्होंने तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा कुछ भी स्वीकार करने से मना कर दिया है।
मंत्री ने कहा कि (नरेंद्र) मोदी सरकार कृषक समुदाय की सभी वाजिब चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह किसी भी वक्त औपचारिक वार्ता फिर से शुरू करने को इच्छुक है। हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसानों के कंधों पर बंदूक रख कर चलाने वालों से बात करने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने किसानों को गुमराह करने के लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया और उन पर आरोप लगाया कि वे सुधार प्रक्रिया पर अपने रुख में बदलाव कर रही हैं तथा मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रही हैं।
तोमर ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि तीनों नये कृषि कानून किसानों के लिए लाभकारी हैं और सरकार लिखित में यह आश्वासन देने को तैयार है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा मंडी प्रणाली जारी रहेगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या 2020 से पहले किसानों के मुद्दे का समाधान हो जाएगा, तोमर ने कहा, ‘‘हां। मुझे पूरी उम्मीद है…हर किसी का अपना एजेंडा है। मेरा एजेंडा किसान है। मुझे बताइए कि कृषि कानूनों का कौन सा प्रावधान किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है , मुझे समझाइए जरा। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। ’’ तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ करीब 40 किसान संघों से बातचीत में केंद्र का नेतृत्व कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनकारी किसानों के कई नेताओं ने अपना आंदोलन तेज करने की धमकी दी है और कहा है कि वे अगले साल गणतंत्र दिवस समारोह दिल्ली की सीमाओं पर अपनी ट्रैक्टर रैलियों के साथ मनाने के लिए तैयार हैं।
किसानों से अनौपचारिक वार्ता जारी, नववर्ष से पहले उनके मुद्दे का समाधान हो जाने की उम्मीद: तोमर
