महंगाई पर घिरीं वित्त मंत्री ने संसद में याद दिलाया यूपीए दौर के मंत्री का बयान

नई दिल्ली : प्याज समेत खाने-पीने के सामानों की महंगाई को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पी. चिदंबरम के एक पुराने बयान के बहाने कांग्रेस पर हमला किया है। उन्होंने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि 2012 में जब महंगाई चरम पर थी तो तब के एक वित्त मंत्री ने कहा था, ‘जब शहरी मध्यम वर्ग मिनरल वॉटर का बॉटल 15 रुपये में खरीद सकता है, आइसक्रीम 20 रुपये में खरीद सकता है तो महंगाई पर इतना शोर क्यों मचाते हैं।’ हालांकि, उन्होंने यहां चिदंबरम का नाम नहीं लिया।

2012 में चिदंबरम ने दिया था यह बयान
दरअसल निर्मला सीतारमण जिस बयान का जिक्र कर रही थीं उसे जुलाई 2012 में तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने दिया था। तब बढ़ती महंगाई पर उन्होंने कहा था, ‘धान, गेहूं और गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि हो रही है जिसका असर जरूरी चीजों की कीमतों पर दिख रहा है। जब शहरी मध्यम वर्ग मिनरल वॉटर का एक बॉटल 15 रुपये में और 20 रुपये में आइसक्रीम खरीद सकता है तो वह महंगाई को लेकर इतना ज्यादा शोर क्यों मचा रहा है।’

मैं संभ्रांतवादी और ही सरकार: निर्मला
सीतारमण ने कहा कि ऐसे लोग उन पर संभ्रांत वर्ग का होने का आरोप लगा रहे हैं, सरकार पर अमीरों का समर्थक होने का आरोप लगा रहे हैं। वित्त मंत्री ने इन आरोपों को खारिज करते हुए गरीबों के लिए एलपीजी, जनधन योजना जैसे सरकार के कामों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह खुद को और अपनी सरकार को संभ्रांतवादी ठहराने की मानसिकता की निंदा करती हैं। वित्त मंत्री ने यह बयान टैक्सेशन लॉ (अमेंडमेंट) बिल पर चर्चा के दौरान दिया। इस बिल को कॉर्पोरेट टैक्स कम करने वाले अध्यादेश की जगह लेने के लिए लाया गया था, जिसे उच्च सदन ने पास कर दिया।

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