कोलकाताः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ टिप्पणी कर एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। एक महिला प्रदर्शनकारी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर इस बार उनके खिलाफ शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है और कहा कि मामले की जांच की जा रही है। दरअसल घोष ने बृहस्पतिवार को बयान दिया था कि महिला प्रदर्शनकारी खुशकिस्मत थी कि वह महज फटे हुए पोस्टर के साथ उनकी पार्टी की रैली से निकल गई। संस्कृत विश्वविद्यालय की छात्रा सुदेशना दत्ता गुप्ता को घोष और उनकी पार्टी के लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा जह वह सीएए और एनआरसी के विरोध में पोस्टर लिए हुए भाजपा की रैली के बगल में खड़ी हो गई थी। गुप्ता ने दावा किया कि भाजपा के लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और अपशब्द कहने के साथ ही उसका पोस्टर छीन कर फाड़ दिया।
पाटुली से बाघाजतिन इलाके तक रैली का नेतृत्व कर रहे घोष ने बाद में मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी के समर्थकों ने सही किया। उन्होंने कहा, “उस महिला को अपनी किस्मत का शुक्रगुजार होना चाहिए कि केवल धक्का मुक्की हुई और कुछ नहीं। क्यों प्रदर्शनकारी (सीएए) हमेशा हमारी रैली में प्रदर्शन करने चले आते हैं? क्या वे अन्य कार्यक्रमों में नहीं जा सकते? हमने बहुत सहन किया लेकिन अब ऐसी हरकतों को सहन नहीं करेंगे।’’ छात्रा ने पाटुली थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद आरोप लगाया कि घोष ने मीडिया से बात करते हुए “आपत्तिजनक टिप्पणियां की और हत्या की मंशा दिखाई।” उसने कहा, “हमारे देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। भारत में हर 22 मिनट में एक महिला का बलात्कार होता है। मैं घोष की टिप्पणी से हैरान नहीं हूं।” इस माह की शुरुआत में भी घोष ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि, “सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को भाजपा शासित राज्यों में कुत्तों की तरह गोली मारी गई।” मिदनापुर सीट से भाजपा सांसद ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि एक व्यक्ति तब तक अच्छा राजनीतिक नहीं बन सकता जब तक कि उसे जेल न हो जाए।