बंगाल में “आश्चे बोछोर आबार होबे” जयघोष के साथ पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव संपन्न हुआ

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव सोमवार को संपन्न हो गया। प्रतिमा विसर्जन कार्यक्रम में कुछ लोगों को ही शामिल होने की अनुमति के कारण इस बार सड़कों पर लोगों की भीड़ नजर नहीं आयी।पारंपरिक परिधान के साथ चेहरे पर मास्क लगाए लोगों ने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया और ‘आश्चे बोछोर आबार होबे’ (अगले साल तक विदा) के जयघोष के साथ माता का आशीर्वाद लिया।

महिलाओं ने माता को प्रसाद चढ़ाया हालांकि पंडाल के भीतर पारंपरिक ‘सिंदूर खेला’ (महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं) में भी मुख्य रूप से दुर्गा पूजा के आयोजकों की ही मौजूदगी रही और कुछ स्थानीय लोग ही वहां पहुंचे।कोलकाता पुलिस के सूत्रों के मुताबिक शांतिपूर्ण तरीके से प्रतिमा के विसर्जन के लिए समुचित इंतजाम किए गए। विभिन्न घाटों पर सीसीटीवी भी लगाए गए और नगर निगमों तथा कोलकाता पत्तन न्यास (केओपीटी) के कर्मी भी स्थिति की निगरानी के लिए वहां मौजूद रहे।

सभी पूजा समितियों से घाट पर कम से कम लोगों के साथ जाने को कहा गया। जल प्रदूषित नहीं हो इसके लिए बड़ी बड़ी नौकाओं पर लगाई गई क्रेन की मदद से नदी से प्रतिमा के अवशेष को निकाला जा रहा है।कोविड-19 के कारण रेड रोड पर दुर्गा पूजा जुलूस को इस बार रद्द कर दिया गया । इससे पहले पूजा आयोजन समितियां प्रतिमा विसर्जन के पहले रेड रोड से गुजरती थीं।

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