कानून के तहत छुट्टी मिलेगी
तिरुवनंतपुरम : केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां पर गैरअनुदानित निजी शिक्षा संस्थानों समेत निजी शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाली शिक्षिकाओं एवं अन्य महिला कर्मचारियों को मातृत्व लाभ कानून के तहत छुटि्टयां मिलेंगी। राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूरी मिल गई है।
नए कानून के अनुसार निजी शिक्षा क्षेत्र की हजारों महिला कर्मचारी भी अब से सरकारी महिला कर्मचारियों की तरह 26 सप्ताह का सवैतनिक मातृत्व अवकाश ले सकेंगी। साथ ही नियोक्ता को प्रति माह कर्मचारी को 1000 रुपए का चिकित्सा भत्ता भी देना होगा। राज्य के निजी शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाली महिला कर्मचारी लंबे समय से मातृत्व लाभ उपलब्ध करवाने की मांग कर रही थीं।
केरल ने कर्मचारियों के लिए कई कदम उठाए
केरल सरकार अनुदानिक शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतनमान निर्धारित करने की दिशा में भी कदम उठा रही है। केरल मंत्रिमंडल ने 29 अगस्त को एक बैठक बुलाई थी, जिसमें अधिसूचना जारी करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया था। केरल सरकार श्रमिकों के मौजूदा निर्धारित वेतन भत्ते को प्रति दिन 150 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए करने की भी मांग कर रही है।