अपने फैसलों से लगातार चौंकाती रही नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर आज के अपने फैसले से विपक्षी दलों समेत हर किसी को हैरान कर दिया। कश्मीर में जिस तरह की हलचल पिछले कुछ दिनों से जारी थी, उससे ये अंदाजा तो सबको जरूर था कि सरकार कुछ बड़ा करने वाली है, लेकिन कश्मीर पर एकसाथ सरकार चार बहुत बड़े फैसले करेगी, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। खुद विपक्ष के नेता भी स्वीकार कर रहे हैं कि उन्होंने इस ‘चौके’ की उम्मीद तो कतई नहीं की थी। सरकार के फैसले से पहले माना जा रहा था कि शायद कश्मीर से आर्टिकल 35 ए को हटाने का फैसला किया जा सकता है, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कश्मीर पर एकसाथ चार बड़े फैसले लेकर सभी अनुमानों को ध्वस्त करते हुए ऐतिहासिक कदम से पूरे देश को अवगत करा दिया। शाह ने राज्यसभा में एकसाथ चार फैसले से जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला सुना दिया।
फैसला नंबर 1- जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंडों को हटाने और राज्य का विभाजन करने का प्रस्ताव,
फैसला नंबर 2-जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव,
फैसला नंबर 3-जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र की अपनी विधायिका के बारे में प्रस्ताव,
फैसला नंबर 4-लद्दाख बिना विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र होने के बारे में प्रस्ताव रखा।
नरेंद्र मोदी सरकार ने फिर चौंकाया
नरेंद्र मोदी सरकार कई मौकों पर अपने फैसले से सबको चौंकाती रही है। सरकार के आज के फैसले ने भी विपक्ष को हिलाकर रख दिया। कश्मीर में जारी हलचल के बीच पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि केंद्र सरकार राज्य में कुछ ‘बड़ा’ प्लान कर रही है। हालांकि, इन नेताओं में से किसी को भी यह अंदाजा नहीं रहा होगा कि जम्मू-कश्मीर राज्य का ही विभाजन हो जाएगा और लद्दाख एक स्वायत्त क्षेत्र बन जाएगा।