सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 6 गिरफ्तार

खुद को रेलवे का उच्च अधिकारी बताया करता था

फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बुलाता था इंटरव्यू के लिए, होता था मेडिकल टेस्ट भी

सीएमसी अस्पताल और शिक्षा विभाग के नाम का फर्जी दस्तावेज बरामद

कोलकाता : रेलवे, प्राइमरी शिक्षक सहित सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए हेयर स्ट्रीट थाने की पुलिस ने मुख्य अभियुक्त सहित 6 को गिरफ्तार किया। अभियुक्तों के नाम शुभजीत चौधरी (53), शंकर हेम्ब्रम(33), नील कुमार भगत (34), करन कुमार (34), हुमायूं अली(35) और सुमन दास (23) है। शुभजीत चौधरी गिरोह का मास्टर माइंड और सर्वे पार्क थानांतर्गत न्यू संतोषपुर इलाके का रहने वाला है। शंकर झारखंड के गोलुटिया, नील पूर्व सिंघभूम, करण झारखंड के मोसाबोनी, हुमायूं मुर्शिदाबाद और सुमन तपसिया का रहने वाला है। इनके कब्जे से विभिन्न उम्मीदवारों को दिये गये कलकत्ता मेडिकल कॉलेज व अस्पताल तथा शिक्षा विभाग का सिल और स्टैंप की नकल कर फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किया गया। ज्वाइंट कमिश्‍नर (क्राइम) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि सोमवार की रात इन 6 अभियुक्तों को फेयरली प्लेस स्थित ईस्टर्न रेलवे क्वार्टर से गिरफ्तार किया गया। दरअसल, इन अभियुक्तों ने खुद को रेलवे का उच्च अधिकारी बताया था और रेलवे में नौकरी देने के लिए कुछ युवकों को भी इंटरव्यू के लिए बुलाया था। नौकरी के बदले उनसे रुपये लाने को भी कहा गया था। उन 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बाद मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनस भी को 6 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि खड़गपुर से कैरी योगेश, अमरजीत कुमार सहित 3 युवकों को इंटरव्यू के लिए कोलकाता बुलाया गया था। दरअसल, इन तीनों को उनके ईमेल आईडी पर रेलवे की वेबसाइट से ईमेल भेजा गया था जहां उनका चयन रेलवे के ग्रुप डी में हो गया था। दरअसल, इन तीनों युवकों की पहचान शंकर हेम्ब्रम ने शुभजीत से करवायी थी। शुभजीत ने ही 6-6 लाख रुपये देने के एवज में नौकरी मुहैया करवाने का वादा किया था।?उन्हें यह भी कहा गया था कि पहले 10 हजार रुपये देने होंगे और फिर नौकरी के बाद 6 लाख रुपये देने होंगे। इन तीनों को ईमेल मिलने के बाद वे कोलकाता पहुंचे। फेयरली प्लेस में उनका इंटरव्यू हुआ और फिर कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में मेडिकल टेस्ट का दस्तावेज भी दिया गया। मगर इसके बाद जब तीनों से रुपये मांगे गये तब तीनों को संदेह हुआ। ईमेल लेकर तीनों रेलवे एंटी फ्रॉड विभाग में पहुंचे। वहां ईमेल दिखाकर जब पूछताछ की गयी तब पता चला कि ईमेल फर्जी है। इसके बाद ही रेलवे एंटी फ्रॉड अधिकारियों ने उक्त 6 अभियुक्तों को पकड़ा और उन्हें हेयर स्ट्रीट थाने की पुलिस को सौंपा और मामले की शिकायत की।

शुभजीत है घटना का मास्टर माइंड, पहले भी हो चुका है गिरफ्तार

पुलिस सूत्रोंं ने बताया कि शुभजीत इस घटना का मास्टर माइंड है। वह पहले भी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। शुभजीत इतने फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है जिससे कोई भी उसके झांसे में आ जाये। उसकी टीम में शामिल अभियुक्तों का कार्य भी शुभजीत तय करता था। कौन उम्मीदवारों को लायेगा, कौन इंटरव्यू लेगा और कौन मेडिकल टेस्ट करेगा। फर्जी वेबसाइट और फर्जी दस्तावेज भी बनाया करता था। हालांकि इनका कोई निर्दिष्ट ऑफिस नहीं होता है। फेयरली प्लेस और अन्य जगहों पर ये उम्मीदवारों को बुलाते थे और इंटरव्यू कर रुपये ऐंठ लेते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस गिरोह ने कईयों को चूना लगाया है। कुछ उम्मीदवारों के नाम मिले हैं जिन्हें इन्होंने फंसाया था। प्राथमिक जांच में पता चला कि इस गिरोह ने करोड़ों की ठगी की है। फिलहाल, गिरोह में अन्य कोई शामिल है या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।

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